राज्यसभा में जी राम जी विधेयक पर गरमागरम बहस, विपक्ष ने उठाए सवाल

राज्यसभा में जी राम जी विधेयक पर बहस जारी है, जिसमें विपक्ष ने सरकार पर कई सवाल उठाए हैं। संजय सिंह ने गांधी जी के आदर्शों का हवाला देते हुए राम के नाम पर राजनीति करने से मना किया। वहीं, शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस पर गांधी जी के सिद्धांतों की हत्या का आरोप लगाया। जानें इस विधेयक का उद्देश्य और विपक्ष की प्रतिक्रिया के बारे में।
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राज्यसभा में जी राम जी विधेयक पर गरमागरम बहस, विपक्ष ने उठाए सवाल

विकसित भारत जी राम जी विधेयक पर चर्चा

राज्यसभा में जी राम जी विधेयक पर गरमागरम बहस, विपक्ष ने उठाए सवाल

राज्यसभा में बोलते मल्लिकार्जुन खरगे.

विकसित भारत जी राम जी विधेयक अब राज्यसभा में बहस के लिए प्रस्तुत किया गया है, जबकि यह पहले ही लोकसभा में पारित हो चुका है। चर्चा के दौरान संजय सिंह ने सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि गांधी जी की प्रतिमाएं 80 देशों में हैं और राम भक्त होने के नाते, राम के नाम पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने चेतावनी दी कि राम का अपमान करने से भगवान भी नाराज हो सकते हैं।

अन्नाद्रमुक के एम. थंबीदुरई ने कहा कि वे बिल का समर्थन करते हैं, लेकिन 60-40 के प्रावधान पर विचार करने की आवश्यकता है। उन्होंने महात्मा गांधी के नाम पर योजनाओं के नामकरण पर भी सवाल उठाया।

बिल में खामियों की ओर इशारा

बीजेडी सांसद शुभाशीष खूंटिया ने कहा कि नाम बदलने से मजदूरों को कोई लाभ नहीं होगा और उन्होंने बिल को सेलेक्ट कमेटी में भेजने की मांग की। YSRCP के निरजन रेड्डी ने भी इसी तरह की मांग की। लोकसभा में केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विपक्ष पर तीखा हमला करते हुए कहा कि RSS को जानबूझकर बदनाम किया जा रहा है।

शिवराज ने कहा कि संघ के कार्यकर्ता समाज और राष्ट्र के लिए समर्पित हैं और हिंदुत्व किसी संकीर्ण विचारधारा का प्रतिनिधित्व नहीं करता।

कांग्रेस पर गांधी जी के आदर्शों की हत्या का आरोप

शिवराज ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उसने गांधी जी के आदर्शों को कभी गंभीरता से नहीं अपनाया। उन्होंने कहा कि गांधी जी ने 1948 में कहा था कि कांग्रेस का ऐतिहासिक कार्य समाप्त हो चुका है, लेकिन नेहरू ने पार्टी को भंग नहीं किया।

उन्होंने यह भी कहा कि देश के विभाजन और कश्मीर को विशेष दर्जा देने जैसी घटनाएं गांधी जी के सिद्धांतों के खिलाफ थीं।

नामकरण की राजनीति पर कांग्रेस को घेरा

शिवराज ने कांग्रेस को नामकरण की राजनीति के लिए जिम्मेदार ठहराया और कहा कि योजनाओं के नाम महात्मा गांधी के बजाय नेहरू-गांधी परिवार के नाम पर रखे गए हैं।

उन्होंने आंकड़े प्रस्तुत करते हुए बताया कि राज्य सरकारों की कई योजनाएं राजीव गांधी और इंदिरा गांधी के नाम पर हैं। मोदी सरकार का ध्यान नामकरण पर नहीं, बल्कि कार्य और परिणाम पर है।

रोजगार और स्थायी विकास की योजना

शिवराज ने जी राम जी योजना के उद्देश्यों को स्पष्ट करते हुए कहा कि यह रोजगार की गारंटी और आजीविका को स्थायी रूप से मजबूत करने का लक्ष्य रखती है। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत जल संरक्षण, सिंचाई, और ग्रामीण विकास के कई कार्य किए जाएंगे।

गांधी जी के आदर्शों को जीवंत करना

शिवराज ने कहा कि मोदी सरकार ने गांधी जी के आदर्शों को योजनाओं के माध्यम से जीवंत किया है। उन्होंने कहा कि गांधी जी अब प्रधानमंत्री आवास योजना, स्वच्छ भारत मिशन, और अन्य योजनाओं के माध्यम से जीवित हैं।

लोकसभा से पारित, अब राज्यसभा की बारी

शिवराज के जवाब के बाद, विकसित भारत जी राम जी विधेयक को लोकसभा में ध्वनिमत से पारित किया गया। अब सरकार इसे राज्यसभा में पारित कराने की तैयारी कर रही है।

सरकार का कहना है कि यह विधेयक विकसित भारत के लक्ष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।