राजेश सिंह दयाल फाउंडेशन ने 1 लाख औषधीय पौधे लगाने का संकल्प लिया

राजेश सिंह दयाल फाउंडेशन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल "एक पेड़ माँ के नाम" के तहत 1 लाख औषधीय पौधे लगाने का संकल्प लिया है। इस अभियान का नेतृत्व राजेश सिंह दयाल कर रहे हैं, जो इसे माताओं के प्रति एक भावनात्मक श्रद्धांजलि मानते हैं। उन्होंने स्थानीय समुदाय के साथ मिलकर वृक्षारोपण की शुरुआत की और मुफ्त चिकित्सा शिविरों की भी घोषणा की। जानें इस पहल के पीछे की प्रेरणा और इसके सामाजिक प्रभाव के बारे में।
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राजेश सिंह दयाल फाउंडेशन ने 1 लाख औषधीय पौधे लगाने का संकल्प लिया

प्रधानमंत्री मोदी के अभियान का समर्थन

राजेश सिंह दयाल फाउंडेशन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भावनात्मक और पर्यावरणीय पहल "एक पेड़ माँ के नाम" के समर्थन में एक विशाल वृक्षारोपण अभियान की शुरुआत की।


वृक्षारोपण अभियान की शुरुआत

यह अभियान देवरिया के मेल में शुरू हुआ, जिसमें बलिया और देवरिया जिलों के पांच विधानसभा क्षेत्रों में 1 लाख औषधीय पौधे लगाने का संकल्प लिया गया। इस अभियान का नेतृत्व राजेश सिंह दयाल कर रहे हैं, जिन्हें उत्तर प्रदेश का "मेडिसिन मैन" कहा जाता है। उन्होंने बताया कि यह पहल केवल वृक्षारोपण तक सीमित नहीं है, बल्कि लोगों को पौधों को अपनाने और उनकी देखभाल करने के लिए प्रेरित करने का भी है।


प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन

इस अवसर पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया, जिसमें कई प्रमुख अतिथि शामिल हुए, जैसे:
• शक्ति सिंह "सक्षम", राष्ट्रीय महासचिव, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी
• इंद्रदेव निषाद, बीजेपी मंडल अध्यक्ष, भागलपुर
• दीनबंधु सिंह, पूर्व बीजेपी मंडल अध्यक्ष, भागलपुर


राजेश सिंह दयाल का बयान

मीडिया से बात करते हुए, राजेश सिंह दयाल ने कहा: "मैं पिछले 30 वर्षों से भारतीय जनता पार्टी का सक्रिय सदस्य रहा हूँ, और मैं अपने मानवीय कर्तव्य को समझता हूँ कि हमारे माननीय प्रधानमंत्री द्वारा शुरू की गई हर कल्याणकारी पहल में योगदान दूं। यह वृक्षारोपण अभियान केवल पर्यावरण के लिए नहीं है—यह हमारी माताओं के प्रति एक भावनात्मक श्रद्धांजलि है।"


औषधीय पौधों का चयन

उन्होंने बताया कि चयनित औषधीय पौधे—नीम, आंवला, और मोरिंगा—जन स्वास्थ्य और प्राकृतिक उपचार को ध्यान में रखते हुए चुने गए हैं। दयाल ने यह भी साझा किया कि उन्होंने देवरिया और बलिया में 2 लाख से अधिक लोगों को मुफ्त चिकित्सा उपचार और दवाएं प्रदान की हैं, और यह वृक्षारोपण अभियान उसी सेवा भावना का विस्तार है।


राजनीतिक इरादों का खंडन

जब एक पत्रकार ने पूछा कि क्या यह पहल आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर राजनीतिक प्रेरित है, तो दयाल ने दृढ़ता से उत्तर दिया: "मेरा एकमात्र उद्देश्य सामाजिक सेवा है, और इसके पीछे कोई राजनीतिक मंशा नहीं है। मैं केवल लोगों और प्रकृति के लिए काम करता हूँ।"


मुफ्त चिकित्सा शिविरों की घोषणा

उन्होंने यह भी घोषणा की कि आने वाले महीनों में मुफ्त चिकित्सा शिविर फिर से शुरू होंगे। ये सेवाएं अब उनके अपने अस्पताल के माध्यम से संचालित की जाएंगी, क्योंकि फाउंडेशन ने पहले से जुड़े अस्पताल के साथ सहयोग समाप्त कर दिया है।


स्थानीय समुदाय की भागीदारी

इस कार्यक्रम का समापन स्थानीय निवासियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और मीडिया प्रतिनिधियों की उत्साही भागीदारी के साथ हुआ, जो पूर्वी उत्तर प्रदेश में एक हरे क्रांति की शुरुआत का प्रतीक है।