राजीव शुक्ला ने BCCI अध्यक्ष पद की अटकलों को किया खारिज

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला ने हाल ही में अध्यक्ष पद पर चल रही अटकलों को खारिज कर दिया है। उन्होंने इसे एक सामान्य प्रक्रियात्मक मामला बताया और कहा कि इस पर कोई विशेष ध्यान देने की आवश्यकता नहीं है। रॉजर बिन्नी के कार्यकाल के समाप्त होने पर शुक्ला अस्थायी रूप से तीन महीने के लिए पद संभाल सकते हैं। इसके अलावा, बिन्नी की अध्यक्षता में भारत ने कई महत्वपूर्ण खिताब जीते हैं। जानें इस मामले में और क्या कहा शुक्ला ने।
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राजीव शुक्ला ने BCCI अध्यक्ष पद की अटकलों को किया खारिज

BCCI के उपाध्यक्ष ने स्थिति को बताया सामान्य प्रक्रिया

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के वर्तमान उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला ने इस बात को कमतर आंका है कि वह रॉजर बिन्नी के कार्यकाल समाप्त होने पर अंतरिम अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभालेंगे। उन्होंने इसे एक सामान्य 'प्रक्रियात्मक' मामला बताया। सोमवार सुबह, सोशल मीडिया पर ऐसी खबरें फैल गईं कि शुक्ला बिन्नी की जगह लेंगे, जो 19 जुलाई को 70 वर्ष के हो जाएंगे। 65 वर्षीय शुक्ला ने कहा कि वह अस्थायी रूप से तीन महीने के लिए यह भूमिका निभा सकते हैं, लेकिन उन्होंने इस स्थिति को बढ़ा-चढ़ा कर पेश करने की आवश्यकता नहीं बताई।


सूत्रों के अनुसार, सितंबर में होने वाली वार्षिक आम बैठक (AGM) के दौरान, जब वह 66 वर्ष के होंगे, वह पूर्णकालिक अध्यक्ष पद के लिए चुनाव में खड़े हो सकते हैं।


शुक्ला ने चल रही अटकलों पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्हें 'व्यर्थ की बातें' करार दिया। उनके अनुसार, अंतरिम रूप से पद संभालना एक प्रक्रियात्मक मामला है, और इसमें कुछ भी विशेष नहीं है।


शुक्ला ने कहा, 'ये व्यर्थ की बातें हैं। जब एक पद खाली होने वाला होता है, तो अगले व्यक्ति को चुनाव से पहले अंतरिम चार्ज दिया जाता है। यह एक प्रक्रियात्मक मामला है।'


रॉजर बिन्नी को अक्टूबर 2022 में BCCI का 36वां अध्यक्ष चुना गया था, जिन्होंने पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली की जगह ली थी, जिन्होंने तीन साल का कार्यकाल पूरा किया। उल्लेखनीय है कि बिन्नी इस शीर्ष पद के लिए नामांकन दाखिल करने वाले एकमात्र उम्मीदवार थे।


उनकी अध्यक्षता के दौरान, भारत ने दो सफेद गेंद वाले खिताब (ICC T20 विश्व कप 2024 और ICC चैंपियंस ट्रॉफी 2025) जीते। उन्होंने महिला प्रीमियर लीग (WPL) की शुरुआत की, जो कि सफल IPL के मॉडल पर आधारित है।


बिन्नी के कार्यकाल में घरेलू क्रिकेट को मजबूत करने और प्राथमिकता देने के लिए कई कदम उठाए गए, जिसमें बेहतर प्रोत्साहन, वेतन, और घरेलू टूर्नामेंटों में वरिष्ठ भागीदारी शामिल है।


बिन्नी ने 1983 के विश्व कप में भारत की पहली विश्व कप जीत में महत्वपूर्ण योगदान दिया था, जिसमें उन्होंने 18 विकेट लिए थे, जो उस टूर्नामेंट में भारत के लिए सबसे अधिक थे। बिन्नी पहले BCCI चयन समिति के सदस्य भी रह चुके हैं।