राजा मानसिंह का खोया हुआ सोने का खजाना: एक रहस्य

भारत का सोने का खजाना

बचपन से हम सुनते आए हैं कि भारत कभी सोने की चिड़िया था। इसका कारण यह है कि अतीत में हमारे देश में सोने का विशाल भंडार था। पहले के राजाओं के पास अपार धन था, लेकिन विदेशी आक्रमणों के कारण कई खजाने लूट लिए गए।
राजा मानसिंह का खजाना

हालांकि, आज भी भारत में कई ऐसे खजाने हैं जिनके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। इनमें से एक राजा मानसिंह का सोने का खजाना है, जिसे रातों-रात खुदवाया गया था। इसके बाद पाकिस्तान ने भी अपने हिस्से की मांग की थी।
अकबर के नवरत्नों में राजा मानसिंह
राजा मानसिंह, बादशाह अकबर के नवरत्नों में से एक थे और उन्हें 'राजा मिर्जा' के नाम से भी जाना जाता था। उन्होंने अकबर को कई महत्वपूर्ण युद्धों में जीत दिलाई थी, जिसमें हल्दीघाटी का युद्ध भी शामिल है।
काबुल से लूटे गए खजाने
राजा मानसिंह को अकबर ने काबुल भेजा, जहां उन्होंने लुटेरों से मुकाबला किया। इस दौरान उन्होंने कई टन सोना और चांदी लूटी, जिसे उन्होंने जयगढ़ किले में छिपा दिया।
एक अरबी पुस्तक 'हफ्त तिलिस्मत-ए-अंमेरी' में इस खजाने का उल्लेख किया गया है, जिसमें कहा गया है कि राजा मानसिंह ने इतना धन छिपाया था कि कई रियासतें हजारों साल तक जीवित रह सकती थीं।
इंदिरा गांधी और खजाने की खोज
1976 में, इंदिरा गांधी को इस खजाने के बारे में पता चला। उस समय, जयपुर की महारानी गायत्री देवी ने कांग्रेस के खिलाफ चुनाव लड़ा था, जिससे दोनों के बीच तनाव था।
आपातकाल के दौरान, इंदिरा गांधी ने खजाने की खोज के लिए सेना की मदद ली, लेकिन बाद में उन्होंने कहा कि वहां कोई सोना नहीं मिला।
पाकिस्तान का दावा
जब खजाने की चर्चा बढ़ी, तो पाकिस्तान ने भी अपना हिस्सा मांगना शुरू कर दिया। जुल्फिकार अली भुट्टो ने इंदिरा गांधी को एक पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने खजाने के वाजिब हिस्से का उल्लेख किया।
इंदिरा गांधी ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि भारत में कोई खजाना नहीं मिला है। इस तरह, राजा मानसिंह का खजाना एक रहस्य बना हुआ है।