राजस्थान विधानसभा के मानसून सत्र में महत्वपूर्ण विधेयक पेश होंगे

राजस्थान विधानसभा का आगामी मानसून सत्र
राजस्थान के मंत्री जोगाराम पटेल ने गुरुवार को जानकारी दी कि 1 सितंबर से शुरू होने वाले विधानसभा के मानसून सत्र में धर्मांतरण, विश्वविद्यालयों और विधायकों की पेंशन से संबंधित कई महत्वपूर्ण विधेयक पेश किए जा सकते हैं। उन्होंने बताया कि विधानसभा अध्यक्ष ने जनहित के मामलों पर ध्यान केंद्रित करने और कार्यवाही को सुचारू बनाने के लिए एक सर्वदलीय बैठक का आयोजन किया है।
सर्वदलीय बैठक का उद्देश्य
पटेल ने मीडिया को बताया कि 1 सितंबर से विधानसभा का मानसून सत्र आरंभ होगा। इस संदर्भ में, अध्यक्ष ने एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है ताकि जनहित में उत्पादक कार्य, बहस और मुद्दों के समाधान पर चर्चा की जा सके। इस बार विधायी कार्य होने की पूरी संभावना है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रवर समिति को भेजे गए कुछ लंबित विधेयकों पर भी चर्चा होने की उम्मीद है।
प्रमुख विधेयक और चर्चाएँ
प्रमुख विधेयकों में विश्वविद्यालयों, धर्मांतरण, विधायकों की पेंशन, सहकारिता, करों और मोटर वाहनों से संबंधित मौजूदा कानूनों में संशोधन शामिल हैं। इसके अलावा, कोचिंग संस्थानों से संबंधित एक विधेयक भी प्रवर समिति के विचाराधीन है, जिसे बाद में विधानसभा में पेश किया जाएगा। धर्मांतरण का मुद्दा भी विधानसभा में फिर से उठाया जा सकता है।
अमेरिकी टैरिफ पर प्रतिक्रिया
इससे पहले, बुधवार को, जोगाराम पटेल ने 27 अगस्त से लागू हुए अमेरिकी टैरिफ के संदर्भ में भारत की आर्थिक मजबूती पर विश्वास व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 'मेक इन इंडिया' और 'मेड इन इंडिया' पहलों ने देश की विनिर्माण क्षमताओं को बढ़ावा दिया है।
प्रधानमंत्री मोदी का विश्वास
पटेल ने कहा, "जब से प्रधानमंत्री मोदी ने मेक इन इंडिया और मेड इन इंडिया उत्पादों को अपनाने का नारा दिया है, तब से सभी भारतीय कंपनियों ने अधिकांश उत्पादों का निर्माण भारत में ही करना शुरू कर दिया है। मुझे पूरा विश्वास है कि प्रधानमंत्री मोदी कभी झुकेंगे नहीं और देश के खिलाफ कोई निर्णय नहीं लेंगे। 50% अमेरिकी टैरिफ का भारतीय अर्थव्यवस्था पर कोई असर नहीं पड़ेगा और हम जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएंगे।"