राजस्थान में सौर ऊर्जा का नया युग: उद्योगों के लिए वर्चुअल नेट मीटरिंग की सुविधा

राजस्थान में सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए नए नियम लागू किए गए हैं, जिससे घरेलू और औद्योगिक उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली मिलेगी। वर्चुअल नेट मीटरिंग की सुविधा से उद्योग एक साथ मिलकर सोलर प्लांट स्थापित कर सकेंगे। इससे बिजली की लागत में कमी आएगी और प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी। किरायेदार भी इस सुविधा का लाभ उठा सकेंगे, जिससे सौर ऊर्जा का उपयोग और अधिक व्यापक होगा।
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राजस्थान में सौर ऊर्जा का नया युग: उद्योगों के लिए वर्चुअल नेट मीटरिंग की सुविधा

सौर ऊर्जा का विस्तार

जयपुर। राजस्थान में घरेलू उपयोग के साथ-साथ कॉमर्शियल और छोटे-मध्यम उद्योगों के लिए सस्ती बिजली उत्पादन की प्रक्रिया अब और भी सरल हो गई है। अब ये उद्योग किसी भी संपत्ति पर सोलर पैनल स्थापित कर सकते हैं और उसके उत्पादन का उपयोग अन्य स्थानों पर कर सकते हैं।


नए नियमों का लाभ

राज्य विद्युत विनियामक आयोग ने वर्चुअल नेट मीटरिंग और ग्रुप वर्चुअल नेट मीटरिंग की सुविधा में औद्योगिक और व्यावसायिक उपभोक्ताओं को भी शामिल किया है। पहले बिजली कंपनियां केवल घरेलू उपभोक्ताओं को इस सुविधा का लाभ देना चाहती थीं, लेकिन आयोग ने स्पष्ट किया कि औद्योगिक और संस्थागत उपभोक्ता भी इसका लाभ उठा सकेंगे।


सोलर प्लांट की स्थापना

नई व्यवस्था के तहत, कई औद्योगिक इकाइयां मिलकर एक स्थान पर सोलर प्लांट स्थापित कर सकती हैं और वहां से उत्पन्न बिजली का उपयोग अपनी-अपनी इकाइयों में कर सकेंगी। इससे बिजली की लागत में कमी आएगी और उद्योगों की प्रतिस्पर्धा में वृद्धि होगी। विशेषज्ञों का मानना है कि इस निर्णय से राजस्थान में सौर ऊर्जा के उपयोग को नई गति मिलेगी।


बिजली की दरों में कमी

4 रुपए प्रति यूनिट की बचत


घरेलू उपभोक्ताओं के लिए औसत बिजली दर 8.50 रुपए प्रति यूनिट है, जिसमें विद्युत दर, फिक्स चार्ज और अन्य टैक्स शामिल हैं। जबकि सौर ऊर्जा से यह दर 4 से 4.50 रुपए प्रति यूनिट तक उपलब्ध हो रही है।


किरायेदारों के लिए अवसर

किरायेदारों को भी मौका, पानी के ऊपर भी लगाओ


- किराए पर रहने वाले लोग, फ्लैट मालिक और हाउसिंग सोसायटी के सदस्य भी सौर ऊर्जा का लाभ उठा सकेंगे, भले ही उनके पास अपनी छत न हो।
- आयोग ने स्पष्ट किया है कि सोलर पैनल अब केवल छत तक सीमित नहीं रहेंगे। इन्हें रूफटॉप, बालकनी, जमीन, पानी के ऊपर या किसी ऊंचे ढांचे पर भी लगाया जा सकेगा।
- आयोग ने 10 किलोवाट तक के सिस्टम के लिए तकनीकी जांच की अनिवार्यता को हटा दिया है।


चार्ज में छूट

कई चार्ज से मिलेगी बड़ी छूट


इसमें घरेलू और सरकारी उपभोक्ताओं को बड़ी राहत दी गई है। इन उपभोक्ताओं से बैंकिंग चार्ज, ट्रांसमिशन चार्ज, व्हीलिंग चार्ज, क्रॉस सब्सिडी सरचार्ज, एडिशनल सरचार्ज जैसे चार्ज नहीं लगाए जाएंगे। सरकारी कनेक्शनों पर कुछ मामलों में 50 प्रतिशत सरचार्ज लागू रहेगा। यदि उपभोक्ता के पास बैटरी स्टोरेज सिस्टम है तो उसे कई चार्ज में 75 प्रतिशत तक छूट मिलेगी।