राजस्थान में मौलवी ओसामा उमर की गिरफ्तारी से खुलासा, 3 लाख छिपी तस्वीरें बरामद
ओसामा उमर की गिरफ्तारी और बरामदगी
बाड़मेर से गिरफ्तार मौलवी ओसामा उमर के डिलीट किए गए मोबाइल और सोशल मीडिया अकाउंट से 3 लाख तस्वीरें पुनः प्राप्त की गई हैं। इसके साथ ही, बड़ी मात्रा में संदिग्ध सामग्री भी मिली है।
एटीएस की जांच प्रक्रिया
आईजी विकास कुमार ने जानकारी दी कि आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) की विभिन्न टीमें ओसामा उमर के मोबाइल और सोशल मीडिया से मिली तस्वीरों और संदिग्ध सामग्री की जांच कर रही हैं। ओसामा को 6 नवंबर को दो दिन की पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया था और तब से वह एटीएस की रिमांड पर है। विदेशी फंडिंग के संबंध में भी उसकी जांच की जा रही है। रिमांड की अवधि समाप्त होने पर उसे शनिवार को न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया।
आतंकी संगठन से संबंध
एटीएस के अनुसार, ओसामा सोशल मीडिया के माध्यम से कट्टरपंथी संगठनों के संपर्क में आया था। वह पिछले चार वर्षों से तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) से प्रभावित था और टीटीपी के वीडियो देखता था। ओसामा 8 नवंबर को दुबई के रास्ते अफगानिस्तान जाने की योजना बना रहा था, जहां उसे प्रशिक्षण लेना था। एटीएस ने उसे समय रहते गिरफ्तार कर लिया। उसके मोबाइल में उर्दू और फारसी में कई संदिग्ध संदेश मिले हैं, जिनकी जांच की जा रही है। इसके अलावा, ओसामा के साथ पकड़े गए चार अन्य व्यक्तियों को कट्टरवाद से बाहर निकालने की प्रक्रिया चल रही है।
राजस्थान में सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता
जयपुर में मई 2008 में हुए सीरियल बम विस्फोट के बाद से कई बार आतंकी संगठनों ने राज्य में अपनी गतिविधियाँ बढ़ाने की कोशिश की, लेकिन सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता के कारण ये प्रयास विफल रहे। ओसामा की गिरफ्तारी और टोंक के मालपुरा में एक डॉक्टर की गिरफ्तारी के बाद, राष्ट्रीय खुफिया एजेंसियां और एटीएस सतर्क हो गई हैं। सोशल मीडिया पर निगरानी रखी जा रही है और संदिग्ध व्यक्तियों पर ध्यान दिया जा रहा है।
हिडन स्पेस से मिली सामग्री
'ओसामा ने अपने मोबाइल में 'हिडन स्पेस' बनाया हुआ था, जिसमें संदिग्ध सामग्री छिपी हुई थी। मोबाइल की जांच में ऐसा प्रतीत होता था कि सारा डेटा डिलीट कर दिया गया है। एटीएस ने ओसामा के मोबाइल को एफएसएल के पास भेजा, जहां हिडन स्पेस से डेटा बरामद किया गया। इस डेटा की रिपोर्ट एटीएस को सौंप दी गई है।' - डॉ. अजय शर्मा, निदेशक एफएसएल, राजस्थान
