राजस्थान में भील प्रदेश की मांग पर बीजेपी की कड़ी प्रतिक्रिया

राजस्थान में भील प्रदेश की मांग ने राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है। भारत आदिवासी पार्टी के सांसद राजकुमार रोत द्वारा उठाई गई इस मांग पर बीजेपी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है, इसे विभाजनकारी सोच करार दिया है। प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने कहा कि जाति और वर्ग के नाम पर समाज को बांटने का प्रयास बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जानें इस मुद्दे पर और क्या कहा गया है और इसके पीछे की राजनीति क्या है।
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राजस्थान में भील प्रदेश की मांग पर बीजेपी की कड़ी प्रतिक्रिया

राजस्थान की राजनीति में उथल-पुथल

राजस्थान की राजनीति: भारत आदिवासी पार्टी के सांसद राजकुमार रोत द्वारा उठाई गई भील प्रदेश की मांग पर बीजेपी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। पार्टी ने इसे विभाजनकारी मानसिकता करार दिया है।


जयपुर. राजस्थान में एक बार फिर 'भील प्रदेश' की मांग ने राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है। यह मांग आदिवासी क्षेत्रों से उठी है, जिसे बांसवाड़ा-डूंगरपुर के सांसद राजकुमार रोत ने प्रस्तुत किया है। आदिवासी समुदाय ने इस मांग को लेकर कलेक्टर के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भी सौंपा है।


भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने इस मांग को पूरी तरह से खारिज करते हुए कहा कि कुछ लोग अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के लिए जाति और वर्ग के नाम पर समाज को बांटने का प्रयास कर रहे हैं। इसे किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं किया जा सकता।


वागड़ क्षेत्र से उठी इस मांग पर राठौड़ ने कहा कि किसी विशेष जाति या वर्ग के लिए क्षेत्र को तोड़ना विघटनकारी गतिविधियों में आता है। उन्होंने कहा कि इस तरह की मांगें पहले भी उठाई गई हैं, लेकिन यह कभी संभव नहीं हो पाएंगी। कुछ लोग केवल सपने देख रहे हैं, लेकिन ऐसे सपने कभी साकार नहीं होते। चार राज्यों को तोड़कर नया राज्य बनाने का विचार असंभव है।