राजस्थान में भारतीय सेना का हाई-टेक युद्धाभ्यास 'एक्सरसाइज मरु ज्वाला'

भारतीय सेना ने राजस्थान के थार मरुस्थल में 'एक्सरसाइज मरु ज्वाला' का आयोजन किया है, जो कि एक बड़े स्तर का युद्धाभ्यास है। इसका मुख्य उद्देश्य रेगिस्तानी वातावरण में सेना की मारक क्षमता और युद्ध की तैयारी का मूल्यांकन करना है। इस अभ्यास में थल, वायु और समुद्री क्षेत्रों के साथ-साथ डिजिटल डोमेन में ऑपरेशनल तालमेल का परीक्षण किया जा रहा है। यह अभ्यास भारतीय सेना की तकनीकी आत्मनिर्भरता और आधुनिक युद्ध प्रणालियों के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
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राजस्थान में भारतीय सेना का हाई-टेक युद्धाभ्यास 'एक्सरसाइज मरु ज्वाला'

भारतीय सेना का युद्धाभ्यास

राजस्थान में भारतीय सेना का हाई-टेक युद्धाभ्यास 'एक्सरसाइज मरु ज्वाला'

युद्धाभ्यास

भारत अपनी सैन्य क्षमताओं को लगातार बढ़ा रहा है। देश की तीनों सेनाओं को मजबूत करने के लिए विभिन्न प्रयास किए जा रहे हैं। इसके साथ ही, दुश्मन देशों से निपटने के लिए युद्धाभ्यास भी आयोजित किए जा रहे हैं। इसी संदर्भ में, भारतीय सेना की सुदर्शन चक्र कोर के अंतर्गत शहबाज़ डिवीजन ने ‘एक्सरसाइज मरु ज्वाला’ नामक एक बड़े स्तर का युद्धाभ्यास आरंभ किया है।

यह अभ्यास राजस्थान के थार मरुस्थल में चल रहा है और यह त्रि-सेवा अभ्यास त्रिशूल का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। ‘एक्सरसाइज मरु ज्वाला’ का मुख्य उद्देश्य रेगिस्तानी वातावरण में सेना की मारक क्षमता और युद्ध की तैयारी का मूल्यांकन करना है।

राजस्थान में भारतीय सेना का हाई-टेक युद्धाभ्यास 'एक्सरसाइज मरु ज्वाला'


अभ्यास का मुख्य उद्देश्य

अभ्यास का मुख्य उद्देश्य

इस उच्च-गति वाले अभ्यास में थल, वायु और समुद्री क्षेत्रों के साथ-साथ डिजिटल डोमेन में ऑपरेशनल तालमेल का परीक्षण किया जा रहा है। इसका मुख्य लक्ष्य नई तकनीकों और आधुनिक युद्ध प्रणालियों के माध्यम से सेना की संयुक्त कार्रवाई क्षमता को बढ़ाना है। इस अभ्यास में विभिन्न सैन्य इकाइयों के जवान और उपकरण शामिल हैं।


अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग

अत्याधुनिक डिजिटल सेंसर नेटवर्क का प्रयोग

‘मरु ज्वाला’ अभ्यास के दौरान मानवरहित प्रणालियों, नेटवर्क-आधारित फायरिंग सिस्टम और अत्याधुनिक डिजिटल सेंसर नेटवर्क का उपयोग किया जा रहा है। यह रियल-टाइम निगरानी और युद्धक्षेत्र की स्थिति पर त्वरित प्रतिक्रिया को संभव बनाता है। रेगिस्तानी इलाके में सेना के जवान हर जटिल परिस्थिति में युद्धाभ्यास कर रहे हैं।


थार की तपती रेत में चल रहा अभ्यास

थार की तपती रेत में चल रहा अभ्यास

‘मरु ज्वाला’ को ‘वर्ष 2025 सुधार और तकनीकी आत्मनिर्भरता का वर्ष’ की थीम से जोड़ा गया है। यह अभ्यास भारतीय सेना की आधुनिकीकरण, आत्मनिर्भरता और संयुक्त संचालन के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह सेना को रेगिस्तानी परिस्थितियों में प्रभावी ढंग से लड़ने के लिए तैयार करता है और अपनी रणनीतियों का परीक्षण करने में मदद करता है।

थार की तपती रेत में चल रहा यह अभ्यास यह दर्शाता है कि भारतीय सेना अब केवल पारंपरिक युद्ध के लिए नहीं, बल्कि भविष्य के मल्टी-डोमेन युद्धक्षेत्रों के लिए भी पूरी तरह से तैयार है। तकनीक, सामरिक कौशल और जोश मिलकर आधुनिक भारतीय सेना की नई पहचान बना रहे हैं।