राजस्थान में बुजुर्गों की पेंशन पर संकट, सरकार के फैसले से बढ़ी चिंता

राजस्थान में सरकार के एक नए फैसले ने 3 लाख से अधिक बुजुर्गों की पेंशन रोक दी है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति पर गंभीर असर पड़ा है। विभाग का कहना है कि पेंशन रोकने का कारण लाभार्थियों की आय की जांच है। विपक्ष ने इस कदम को संवेदनहीनता करार दिया है, जबकि बुजुर्गों का कहना है कि यह निर्णय उनके लिए बहुत कठिनाई पैदा कर रहा है। क्या सरकार इस स्थिति को सुधारने के लिए कदम उठाएगी? जानें पूरी कहानी में।
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राजस्थान में बुजुर्गों की पेंशन पर संकट, सरकार के फैसले से बढ़ी चिंता

राजस्थान में पेंशन योजना में बदलाव

राजस्थान में बुजुर्गों की पेंशन पर संकट, सरकार के फैसले से बढ़ी चिंता

सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना.

राजस्थान सरकार के हालिया निर्णय ने लाखों बुजुर्गों की स्थिति को गंभीर बना दिया है। सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के अंतर्गत 3 लाख से अधिक लाभार्थियों की पेंशन रोक दी गई है। विभाग का कहना है कि इन लाभार्थियों की आय की जांच चल रही है, लेकिन पेंशन रुकने से बुजुर्गों में असंतोष स्पष्ट है। सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग ने उन पेंशनधारकों को नोटिस जारी किए हैं, जिनका वार्षिक बिजली बिल 24 हजार रुपये से अधिक है।

विभाग के अनुसार, जिनकी वार्षिक आय 48 हजार रुपये से अधिक है या जिनका बिजली बिल सालाना 24 हजार रुपये से ज्यादा है, उन्हें पेंशन नहीं मिलेगी। जब तक जांच पूरी नहीं होती, तब तक पेंशन रोकी जाएगी। पेंशन रुकने से बुजुर्गों के लिए घर चलाना मुश्किल हो गया है। बिजली का बिल पूरे परिवार का होता है, लेकिन पेंशन से वे अपने व्यक्तिगत खर्चों का ध्यान रखते थे। अब उन्हें हर छोटे काम के लिए अपने बच्चों पर निर्भर रहना पड़ेगा।

परिवार से पैसे मांगने की मजबूरी

सिविल लाइंस के प्रेमदान सिंह भी इस निर्णय से परेशान हैं। उनका कहना है कि अब उन्हें अपने खर्चों के लिए बार-बार परिवार से पैसे मांगने पड़ेंगे। पहले वे पेंशन से अपने छोटे-मोटे खर्चे निपटा लेते थे, लेकिन अब हर चीज के लिए हाथ फैलाना पड़ेगा। यह स्थिति बहुत कठिन है।

विभाग ने जिला कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं कि 24 हजार रुपये से अधिक बिजली बिल भरने वाले सभी पेंशनर्स की आय की नए सिरे से जांच की जाए। अब तक 3 लाख से अधिक पेंशनर्स पर सवाल उठाए गए हैं। पेंशनधारियों को पेंशन छोड़ने के लिए भी निर्देश दिए गए हैं। जिनकी वार्षिक आय 48 हजार रुपये से अधिक है, उनसे पेंशन छोड़ने की प्रक्रिया शुरू की गई है। यह कदम पारदर्शिता के लिए उठाया गया है।

विपक्ष का सरकार पर हमला

विपक्ष ने सरकार पर तीखा हमला किया है। पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने बुजुर्गों की सुरक्षा और सम्मान के लिए यह योजना शुरू की थी, लेकिन वर्तमान सरकार इसे समाप्त करने की दिशा में काम कर रही है। भाजपा सरकार ने गरीबों और बुजुर्गों की पेंशन रोककर संवेदनहीनता दिखाई है। ये वही लोग हैं जिनकी सहायता के लिए सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना बनाई गई थी।

राज्य में लगभग 3 लाख से अधिक पेंशनर्स अब तक जांच की प्रक्रिया में हैं। बुजुर्गों का कहना है कि यदि सरकार पारदर्शिता चाहती है तो जांच करें, लेकिन जब तक ठोस सबूत न मिले, पेंशन रोकना अन्याय है। सरकार के इस कदम के खिलाफ नाराजगी अब सड़कों पर भी दिखाई देने लगी है।