राजस्थान में बारिश से उत्पन्न संकट: जानिए हालात और भविष्यवाणी

राजस्थान में हाल की बारिश ने कई जिलों में संकट पैदा कर दिया है, जिससे मकान गिरने और जान-माल का नुकसान हुआ है। हालांकि, मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि मानसून की ट्रफ लाइन के खिसकने से अगले कुछ दिनों में बारिश की तीव्रता में कमी आएगी। जानिए बारिश के आंकड़े और प्रदेश के बांधों की स्थिति के बारे में।
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राजस्थान में बारिश से उत्पन्न संकट: जानिए हालात और भविष्यवाणी

राजस्थान में बारिश का प्रभाव

राजस्थान में बारिश से उत्पन्न संकट: जानिए हालात और भविष्यवाणी


राजस्थान में हाल की भारी बारिश ने कई जिलों में समस्याएँ उत्पन्न कर दी हैं। हालांकि, मानसून की ट्रफ लाइन के उत्तर की ओर खिसकने के कारण पिछले 24 घंटों में बारिश की तीव्रता में कमी आई है। इसके बावजूद, उमस में वृद्धि देखी गई है। शनिवार को जयपुर, कोटा, उदयपुर, जोधपुर और अजमेर में मौसम साफ रहा और धूप निकली। हालांकि, उत्तर पूर्वी क्षेत्रों जैसे गंगानगर, हनुमानगढ़, चूरू और कोटा में हल्की बारिश हुई।


बीकानेर, हनुमानगढ़ और भरतपुर में बारिश के कारण कुछ मकान गिर गए, जिससे तीन लोगों की जान चली गई। नागौर में उफनती लूणी नदी में एक स्कॉर्पियो गाड़ी भी बह गई। अब तक, प्रदेश में सामान्य से 80 प्रतिशत अधिक वर्षा हो चुकी है। मानसून के दौरान औसतन 424 एमएम बारिश होती है, जबकि एक जून से अब तक 407 एमएम से अधिक वर्षा हो चुकी है। मानसून सीजन खत्म होने में अभी लगभग दो महीने बाकी हैं।


राजस्थान के बांधों की स्थिति भी चिंताजनक है, जहां छोटे और मध्यम श्रेणी के 264 बांधों में पानी भर चुका है। 23 बड़े बांधों में से 8 पूरी तरह भर गए हैं। पिछले 24 घंटों में बारिश के आंकड़े इस प्रकार हैं: बारां के छीपाबड़ौद में 24MM, भीलवाड़ा के कोटड़ी में 10MM, गंगानगर के लालगढ़ में 14MM, झुंझुनूं के मलसीसर और पिलानी में 6-6MM, सवाई माधोपुर के मलारना डूंगर में 6MM, कोटा में 9.6MM और हनुमानगढ़ के फेफाना में 10MM बारिश दर्ज की गई।


मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, मानसून ट्रफ अभी अपने सामान्य स्थान से उत्तर की ओर फिरोजपुर, अंबाला, शाहजहांपुर, बाराबंकी, और गोरखपुर से गुजर रही है। ट्रफ के खिसकने के कारण राजस्थान में अगले कुछ दिनों तक बारिश की गतिविधियाँ हल्की रहने की संभावना है।