राजस्थान में प्राइवेट बस हड़ताल: यात्रियों की बढ़ती मुश्किलें
राजस्थान में बस संचालकों की हड़ताल
राजस्थान में प्राइवेट बस संचालकों की अनिश्चितकालीन हड़ताल ने पूरे राज्य को प्रभावित किया है। हाल ही में जैसलमेर और जयपुर के मनोहरपुर में हुए गंभीर बस हादसों के बाद, परिवहन विभाग ने बसों को सीज करने की सख्त कार्रवाई शुरू की है। इस कदम के विरोध में ऑल इंडिया टूरिस्ट परमिट बस ओनर एसोसिएशन ने 31 अक्टूबर की रात 12 बजे से लगभग 8000 निजी बसों का संचालन पूरी तरह से बंद कर दिया है।
यात्रियों को हो रही परेशानी
इस हड़ताल के कारण यात्रियों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। बस ऑपरेटरों और परिवहन विभाग के बीच विवाद का समाधान निकलने के कोई संकेत नहीं हैं। बातचीत जारी है, लेकिन समाधान कब होगा, यह स्पष्ट नहीं है।
हड़ताल का कारण
हड़ताल की शुरुआत जैसलमेर में हुए बस हादसे से हुई, जिसमें सुरक्षा मानकों की अनदेखी के कारण गंभीर दुर्घटना हुई थी। इसके बाद, परिवहन विभाग ने राज्यभर में नियमों का उल्लंघन करने वाली बसों पर कड़ी नजर रखी और सीज करने की कार्रवाई तेज कर दी। विभाग का कहना है कि ओवरलोडिंग, परमिट की अनियमितता, फिटनेस सर्टिफिकेट की कमी और ड्राइवरों की लापरवाही जैसे मुद्दों पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
मनमानी का आरोप
बस संचालक विभाग पर मनमानी का आरोप लगा रहे हैं। ऑल इंडिया टूरिस्ट बस एसोसिएशन के अधिकारियों का कहना है कि विभाग बिना किसी पूर्व जांच या चेतावनी के बसें सीज कर रहा है और भारी चालान काट रहा है। उनका तर्क है कि कई बसें पुरानी हैं और नियमों का पालन करने में समय लगता है, लेकिन विभाग सुधार के लिए कोई मोहलत नहीं दे रहा।
बस ऑपरेटरों की मांगें
बस ऑपरेटरों की मुख्य मांगें हैं कि विभाग बसों को सुधारने का मौका दे, चालान की राशि कम करे और नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए सहयोगात्मक दृष्टिकोण अपनाए। एसोसिएशन ने अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा की है, जिससे कई रूट्स पर बस सेवाएं ठप हो गई हैं। रोडवेज और निजी बस डिपो पर यात्रियों की भीड़ उमड़ रही है, लेकिन बसों की कमी के कारण लंबा इंतजार करना पड़ रहा है।
यात्रियों पर असर
हड़ताल का सबसे बड़ा असर आम यात्रियों पर पड़ा है। जयपुर, जोधपुर, उदयपुर और अन्य शहरों के बस स्टैंड पर हजारों यात्री फंसे हुए हैं। कई लोगों को मजबूरी में महंगे किराए पर टैक्सी या ऑटो से सफर करना पड़ रहा है।
बातचीत का दौर जारी
परिवहन विभाग और बस यूनियनों के बीच बातचीत का दौर जारी है। विभागीय सूत्रों के अनुसार, दोनों पक्षों के बीच मीटिंग्स हो रही हैं, लेकिन अभी तक कोई ठोस समझौता नहीं हुआ है। विभाग सुरक्षा मानकों पर अडिग है, जबकि यूनियन आर्थिक नुकसान का हवाला दे रही है। यदि जल्द समाधान नहीं निकला तो हड़ताल लंबी खिंच सकती है, जिससे पर्यटन और परिवहन क्षेत्र को करोड़ों का घाटा होगा।
