राजस्थान में पंचायती राज और नगर पालिका अधिनियम में संशोधन की तैयारी
राजस्थान सरकार का नया अध्यादेश
राजस्थान सरकार ने पंचायती राज अधिनियम और नगर पालिका अधिनियम में संशोधन लाने का निर्णय लिया है। इस संशोधन के तहत, जिन व्यक्तियों के पास दो से अधिक बच्चे हैं, उन्हें पंचायत और शहरी स्थानीय निकाय चुनावों में भाग लेने से अयोग्य घोषित करने वाले प्रावधानों को समाप्त किया जाएगा। एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि इस प्रस्तावित अध्यादेश का मसौदा विधि विभाग को समीक्षा के लिए भेजा गया है। इसके बाद, इसे कैबिनेट के समक्ष मंजूरी के लिए प्रस्तुत किया जाएगा।
वर्तमान कानून और अयोग्यता के प्रावधान
वर्तमान में, 27 नवंबर, 1995 के बाद तीसरा बच्चा पैदा करने वाले व्यक्तियों को पंच, सरपंच, उप-सरपंच, पंचायत समिति सदस्य, जिला परिषद सदस्य, प्रधान, जिला प्रमुख, पार्षद, अध्यक्ष या महापौर जैसे पदों के लिए चुनाव लड़ने से रोका जाता है। यह अयोग्यता संबंधी प्रावधान राजस्थान नगर पालिका अधिनियम की धारा 24 और पंचायती राज अधिनियम के संबंधित प्रावधानों में शामिल है।
राजनीतिक दलों को मिलेगा लाभ
इस संशोधन से भाजपा और कांग्रेस दोनों के कई नेताओं को लाभ मिलने की संभावना है। यदि यह संशोधन लागू होता है, तो ये नेता चुनाव लड़ सकेंगे। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने हाल ही में कहा कि दो बच्चों के नियम के लागू होने से निर्वाचित प्रतिनिधियों को भेदभाव का सामना नहीं करना पड़ेगा।
