राजस्थान में नई शिक्षा नीति के तहत विद्या भारती का सम्मेलन
जयपुर में विद्या भारती का सम्मेलन
जयपुर: राजस्थान में नई शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत स्कूलों के उन्नयन और शिक्षण गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए विद्या भारती प्रबंध समिति के 1100 सदस्य जयपुर में एकत्रित होंगे। यह क्षेत्रीय प्रबंध समिति कार्यकर्ता सम्मेलन 6 से 8 दिसंबर तक आयोजित किया जाएगा, जिसका उद्घाटन राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े करेंगे। 15 वर्षों के बाद जयपुर में हो रहे इस सम्मेलन का उद्देश्य शिक्षा क्षेत्र में NEP के तहत हो रहे परिवर्तनों के अनुरूप विद्यालय प्रबंध समितियों को अपडेट करना है।
इस सम्मेलन का आयोजन विद्या भारती राजस्थान द्वारा जवाहर नगर स्थित सरस्वती बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय में किया जा रहा है। इसका मुख्य लक्ष्य छात्रों को बेहतर, आधुनिक और संस्कारित शिक्षा प्रदान करने के लिए आवश्यक सुधारों पर चर्चा करना है। विद्या भारती के सह-प्रशिक्षण संयोजक राम मनोहर शर्मा ने बताया कि यह कार्यक्रम राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के कार्यान्वयन के तहत आयोजित किया जा रहा है। सम्मेलन में विद्यालयों के युगानुकूल परिवर्तन, स्कूल अपग्रेडेशन और शिक्षा गुणवत्ता सुधार जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा होगी। उद्घाटन समारोह 7 दिसंबर को होगा, जिसमें विद्या भारती के मंत्री शिव प्रसाद मुख्य वक्ता होंगे। समापन समारोह में आरएसएस के क्षेत्रीय प्रचारक निम्बाराम और सह संगठन मंत्री यतीन्द्र कुमार भी उपस्थित रहेंगे।
छात्रों को मिलने वाले लाभ: विद्यालयों के उन्नयन पर चर्चा से छात्रों को स्मार्ट क्लासरूम, विज्ञान प्रयोगशालाएं, पुस्तकालय और खेल सुविधाएं बेहतर रूप में उपलब्ध कराई जाएंगी। नई शिक्षा नीति के तहत स्किल-बेस्ड शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा, जिससे छात्रों को प्रोजेक्ट आधारित, व्यावहारिक और कौशलोन्मुख शिक्षा प्राप्त होगी, जो उनके समग्र विकास में सहायक होगी। इसके साथ ही शिक्षकों के प्रशिक्षण पर भी ध्यान दिया जाएगा, जिसमें भारतीय संस्कृति आधारित शिक्षा से चरित्र निर्माण और संस्कार शिक्षा को पाठ्यक्रम में मजबूती मिलेगी।
सम्मेलन के दौरान सामूहिक और श्रेणीसह सत्रों में विद्यालय विकास, नई शिक्षा नीति के कार्यान्वयन और विद्यार्थियों के हितों को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिए जाएंगे। आयोजकों का मानना है कि इस सम्मेलन के बाद प्रदेशभर के विद्या भारती विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्रों को शिक्षा, व्यक्तित्व विकास और संसाधनों के स्तर पर महत्वपूर्ण लाभ प्राप्त होंगे।
