राजस्थान में धुंध और प्रदूषण का बढ़ता संकट: कई शहरों का AQI 300 के पार

राजस्थान में धुंध और प्रदूषण का संकट गहराता जा रहा है, जिससे कई शहरों का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 300 के पार पहुंच गया है। भिवाड़ी, जयपुर, कोटा और टोंक जैसे शहरों में वायु गुणवत्ता गंभीर रूप से प्रभावित हुई है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह स्थिति सांस और फेफड़ों की बीमारियों के लिए खतरा बढ़ा सकती है। स्थानीय प्रशासन ने लोगों को स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए सतर्क रहने की सलाह दी है। जानें इस स्थिति के बारे में और क्या सावधानियाँ बरतनी चाहिए।
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राजस्थान में धुंध और प्रदूषण का बढ़ता संकट: कई शहरों का AQI 300 के पार

राजस्थान में धुंध का प्रभाव

राजस्थान में हाल के दिनों में धुंध (स्मॉग) का असर बढ़ता जा रहा है, जिससे प्रदेश के कई शहरों की वायु गुणवत्ता गंभीर रूप से प्रभावित हुई है। मौसम विभाग के अनुसार, उत्तर-पश्चिम दिशा से आ रही हवाओं के कारण सुबह की दृश्यता कम रही और धुंध का प्रभाव देर शाम तक बना रहा। इस स्थिति के कारण शहरों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) में भी भारी गिरावट आई है।


AQI के चिंताजनक स्तर

सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) की रिपोर्ट के अनुसार, शनिवार को भिवाड़ी, जयपुर, कोटा और टोंक में AQI का स्तर 300 से ऊपर दर्ज किया गया। भिवाड़ी का औसत AQI 383 तक पहुंच गया, जो इसे रेड जोन में रखता है। जयपुर के सीतापुरा, मानसरोवर और शास्त्रीनगर क्षेत्रों में क्रमश: 343, 321 और 303 का AQI रिकॉर्ड किया गया। इसी तरह, कोटा के धानमंडी और श्रीनाथपुरम क्षेत्रों में 311 और 310, जबकि टोंक में 314 का AQI दर्ज हुआ।


अन्य शहरों में भी खराब हवा

प्रदेश के अन्य शहरों में भी हवा की गुणवत्ता चिंताजनक रही। दौसा में 202, भरतपुर में 219, बीकानेर में 208, चूरू में 171, जयपुर के आदर्श नगर में 281, एमआई रोड पर 248, मुरलीपुरा में 216, जैसलमेर में 233, जोधपुर में 205, करौली में 200, कोटा के नयापुरा में 293, नागौर में 242, सवाई माधोपुर में 218 और गंगानगर में 191 का AQI दर्ज किया गया।


AQI का महत्व

AQI एक ऐसा पैमाना है जो हवा में प्रदूषण के स्तर को दर्शाता है। इसके लिए पीएम 10, पीएम 2.5, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (NO₂), सल्फर डाइऑक्साइड (SO₂), कार्बन मोनोऑक्साइड (CO), ओज़ोन (O₃), अमोनिया (NH₃) और पोटेशियम (PB) जैसी आठ मुख्य चीज़ों की मात्रा को मापा जाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि AQI 100 तक सामान्य माना जाता है। 100 से 200 तक हवा ‘मोडरेट’ होती है, जबकि 200 से 300 तक ‘अनहेल्दी’ स्तर पर मानी जाती है। 300 से ऊपर AQI ‘वेरी पुअर’ श्रेणी में आता है और इससे फेफड़ों और सांस संबंधी रोगियों के लिए जोखिम बढ़ जाता है।


मौसम की स्थिति

स्मॉग के कारण धूप कमजोर रही, जिससे दिन का तापमान भी सामान्य से कम दर्ज किया गया। मौसम विभाग के अनुसार, अगले कुछ दिन प्रदेश में मौसम शुष्क (ड्राय) रहेगा और हवाओं का प्रभाव भी जारी रहेगा।


तापमान की जानकारी

तापमान की बात करें तो हिल स्टेशन माउंट आबू में न्यूनतम तापमान 2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं, सीकर के पास फतेहपुर में न्यूनतम तापमान 6.9 डिग्री सेल्सियस रहा। अन्य शहरों में जालोर 9.3, सिरोही 7.9, बारां 9.7, चूरू 9.6 और सीकर 8.2 डिग्री सेल्सियस तक दर्ज किया गया। कुछ शहरों में तापमान में बढ़ोतरी देखी गई।


जनता के लिए चेतावनी

विशेषज्ञों ने जनता से चेतावनी दी है कि धुंध और बढ़ते प्रदूषण से सांस और फेफड़ों की बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। लोगों को बाहर निकलते समय मास्क पहनने और अनावश्यक गतिविधियों से बचने की सलाह दी गई है।


स्थानीय प्रशासन की सतर्कता

राजस्थान में फिलहाल धुंध और प्रदूषण का असर पूरे प्रदेश में फैलता दिख रहा है। ऐसे में स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग सतर्क हैं और लोगों को स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए सतर्क रहने की हिदायत दे रहे हैं।