राजस्थान में गर्भवती पत्नी के लिए दूसरी शादी की प्रथा का सच

राजस्थान के बाड़मेर जिले के देरासर गांव में एक अनोखी प्रथा है, जहां पति गर्भवती पत्नी को छोड़कर दूसरी शादी करने की सोचते हैं। यह प्रथा दशकों से चली आ रही है और इसके पीछे पानी की कमी जैसी समस्याएं हैं। जानें इस प्रथा के बारे में और कैसे यह महिलाओं के जीवन को प्रभावित कर रही है।
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राजस्थान में गर्भवती पत्नी के लिए दूसरी शादी की प्रथा का सच

गर्भवती पत्नी और दूसरी शादी का अजीब रिवाज

राजस्थान में गर्भवती पत्नी के लिए दूसरी शादी की प्रथा का सच


जब पत्नी गर्भवती होती है, तो आमतौर पर पति उसकी देखभाल करता है और उसे खुश रखने की कोशिश करता है। लेकिन राजस्थान के बाड़मेर जिले के देरासर गांव में एक अलग ही परंपरा है। यहां, जब पत्नी गर्भवती होती है, तो पति दूसरी शादी करने की सोचने लगता है। यह सुनकर आप चौंक सकते हैं कि कोई अपनी गर्भवती पत्नी को छोड़कर दूसरी शादी के बारे में कैसे सोच सकता है।


देरासर गांव में यह प्रथा दशकों से चली आ रही है। यहां की लड़कियों को पहले से ही पता होता है कि जब वे गर्भवती होंगी, तो उनके पति दूसरी शादी कर सकते हैं। यह एक दुखद सच है कि कई जगहों पर इस तरह की प्रथाएं अब भी मौजूद हैं।


राजस्थान के इस गांव में पानी की कमी के कारण महिलाएं कई मीलों तक पानी लाने के लिए मजबूर हैं। गर्भवती होने पर यह काम और भी कठिन हो जाता है, इसलिए पति दूसरी पत्नी लाकर पानी लाने की जिम्मेदारी उसे सौंप देते हैं।


सरकारी आंकड़ों के अनुसार, देरासर की जनसंख्या 596 है, जिसमें 309 पुरुष और 287 महिलाएं हैं। यहां बहुविवाह की प्रथा केवल राजस्थान में ही नहीं, बल्कि महाराष्ट्र के कई गांवों में भी देखने को मिलती है।


महाराष्ट्र में लगभग 19,000 गांव हैं, जहां दूसरी पत्नियों को 'वाटर वाइव्स' कहा जाता है। इन गांवों में पुरुषों की यह धारणा होती है कि एक पत्नी घर की देखभाल करे और अन्य पत्नियां पानी लाने का काम करें।


देंगनमल गांव में तो पुरुष तीन शादियां तक कर लेते हैं। यहां यह भी देखा गया है कि उम्रदराज पुरुष युवा लड़कियों से शादी करते हैं, क्योंकि वे अधिक पानी लाने में सक्षम होती हैं।


इन गांवों में कई बार अधिकारी भी बहुविवाह को रोकने में असमर्थ होते हैं, और यह प्रथा बिना किसी रोक-टोक के चलती रहती है।