राजस्थान में खरीफ-2025 बीमा योजना: किसानों के लिए राहत का स्रोत

राजस्थान में खरीफ-2025 बीमा योजना का शुभारंभ किया गया है, जिसका उद्देश्य किसानों को प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान की भरपाई करना है। कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल ने बताया कि इस योजना के तहत 2 करोड़ 16 लाख बीमा पॉलिसियां जारी की गई हैं। इसके साथ ही, किसानों को बीमा के प्रति जागरूक करने के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर शिविर आयोजित किए जाएंगे। योजना की लोकप्रियता बढ़ने से किसानों को आर्थिक मजबूती मिल रही है।
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राजस्थान में खरीफ-2025 बीमा योजना: किसानों के लिए राहत का स्रोत

राज्य सरकार की पहल

जयपुर। राज्य सरकार प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित किसानों को समय पर मुआवजा और बीमा योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल ने बुधवार को पंत कृषि भवन में खरीफ-2025 के लिए 'मेरी पॉलिसी मेरे हाथ' अभियान का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण सहारा बन रही है।


बीमा पॉलिसियों की संख्या

कृषि मंत्री ने जानकारी दी कि देशभर में खरीफ-2025 के लिए 8 करोड़ 71 लाख बीमा पॉलिसियां जारी की गई हैं, जिनमें से 2 करोड़ 16 लाख पॉलिसियां केवल राजस्थान में हैं। किसानों को बीमा के प्रति जागरूक करने के लिए 1 से 31 अक्टूबर तक ग्राम पंचायत स्तर पर शिविर आयोजित किए जाएंगे। इन शिविरों में न केवल बीमा पॉलिसियों का वितरण होगा, बल्कि किसानों को नई कृषि तकनीकों और विभागीय योजनाओं की जानकारी भी दी जाएगी।


मुआवजे की प्रक्रिया

डॉ. किरोड़ी लाल ने बताया कि यदि बुआई के बाद फसल उगने में कोई समस्या आती है, तो किसानों को बीमित राशि का 25 प्रतिशत मुआवजा दिया जाएगा। इसके अलावा, कटाई से पहले और बाद में प्राकृतिक आपदाओं जैसे ओलावृष्टि और बेमौसम बारिश से हुई क्षति की भरपाई भी प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत की जाएगी।


तत्काल राहत की व्यवस्था

उन्होंने यह भी कहा कि बीमा कंपनियों और विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि नुकसान की सूचना मिलते ही गिरदावरी और सर्वेक्षण कर किसानों को शीघ्र राहत प्रदान की जाए। डॉ. किरोड़ी लाल ने बताया कि योजना की लोकप्रियता बढ़ रही है, क्योंकि समय पर क्लेम मिलने से किसानों को आर्थिक मजबूती मिलती है।


प्रीमियम की जानकारी

यह ध्यान देने योग्य है कि योजना के अंतर्गत खरीफ फसलों पर 2 प्रतिशत, रबी फसलों पर 1.5 प्रतिशत और वाणिज्यिक एवं बागवानी फसलों पर 5 प्रतिशत प्रीमियम किसानों को देना होता है। इसके साथ ही, राज्य सरकार किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए पीएम कुसुम योजना के तहत सोलर पंपों पर 60 प्रतिशत तक अनुदान भी प्रदान कर रही है।