राजस्थान में आनंदपाल एनकाउंटर मामले में पुलिस अधिकारियों को मिली राहत
कोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला
राजस्थान में गैंगस्टर आनंदपाल का एनकाउंटर करने वाले सात पुलिस अधिकारियों पर हत्या का मामला नहीं चलेगा। जोधपुर के डिस्ट्रिक्ट एंड सेशन कोर्ट ने आनंदपाल सिंह एनकाउंटर मामले में निचली अदालत के आदेश को रद्द करते हुए कहा है कि पुलिस ने आत्मरक्षा में गोली चलाई थी। इस निर्णय से चूरू के पूर्व एसपी राहुल बारहट सहित तीन अधिकारियों और चार पुलिसकर्मियों को राहत मिली है। पहले, कोर्ट ने इन अधिकारियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा चलाने का आदेश दिया था।
पुलिस अधिकारियों को मिली राहत
जोधपुर की जिला एवं सत्र अदालत ने चूरू के पूर्व पुलिस अधीक्षक राहुल बारहट और अन्य छह पुलिस अधिकारियों को राहत देते हुए हत्या के आरोपों को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि पुलिस ने आनंदपाल सिंह के खिलाफ आत्मरक्षा में कार्रवाई की थी। इस फैसले ने जुलाई 2024 में दिए गए निचली अदालत के आदेश को पलट दिया, जिसमें अधिकारियों के खिलाफ हत्या के आरोप लगाने का निर्देश दिया गया था।
आनंदपाल का एनकाउंटर
आनंदपाल सिंह को 24 जून 2017 को चूरू जिले के मालासर गांव में पुलिस मुठभेड़ में मारा गया था। उसकी पत्नी राजकंवर और परिवार ने आरोप लगाया था कि यह एक फर्जी मुठभेड़ थी और सीबीआई जांच की मांग की थी।
कोर्ट का निर्णय
कोर्ट ने कहा कि जब आनंदपाल ने अपनी AK-47 राइफल से पुलिस पर फायरिंग की, तब पुलिस ने अपनी जान बचाने के लिए जवाबी फायरिंग की। इस मामले में पुलिस अधिकारियों को सीआरपीसी की धारा 197 के तहत कानूनी सुरक्षा मिलनी चाहिए।
गवाहों के बयान
मृतक का भाई, जिसने खुद को गवाह बताया, ने जांच के दौरान कभी भी खुद को चश्मदीद नहीं माना। लगभग 6 साल बाद उसने पुलिस पर आरोप लगाए, लेकिन ये आरोप किसी भी सबूत से साबित नहीं हुए।
हाई कोर्ट में अपील
आनंदपाल के एनकाउंटर मामले में दोषी मानते हुए सात पुलिस अधिकारियों पर हत्या का केस चलाने की बात कही गई थी। हालांकि, जोधपुर की जिला अदालत के फैसले पर आनंदपाल की पत्नी राजकंवर के वकील ने कहा कि वे इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देंगे।
