राजस्थान में 9 दवाएं अमानक घोषित, स्वास्थ्य विभाग की सख्त कार्रवाई

राजस्थान में स्वास्थ्य विभाग ने 9 दवाओं को अमानक घोषित किया है, जिसके बाद संबंधित कंपनियों पर कार्रवाई की जा रही है। जांच में पाया गया कि ये दवाएं गुणवत्ता मानकों का पालन नहीं कर रही थीं। जानें इन दवाओं के बारे में और स्वास्थ्य विभाग की आगे की योजनाओं के बारे में।
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राजस्थान में 9 दवाएं अमानक घोषित, स्वास्थ्य विभाग की सख्त कार्रवाई

राजस्थान में दवाओं की गुणवत्ता पर सवाल

राजस्थान में 9 दवाएं अमानक घोषित, स्वास्थ्य विभाग की सख्त कार्रवाई


जयपुर: राजस्थान में मरीजों के स्वास्थ्य से संबंधित एक गंभीर मुद्दे के तहत, भजनलाल सरकार ने 9 दवाओं को अमानक घोषित किया है। यह निर्णय स्वास्थ्य विभाग द्वारा 1 से 15 अक्टूबर के बीच की गई जांच के परिणामों के आधार पर लिया गया। इन दवाओं के पूरे बैच को गुणवत्ता मानकों में विफल पाए जाने के बाद बाजार से तुरंत हटाने के आदेश दिए गए हैं।


यह कार्रवाई उन दवा सैंपलों की जांच रिपोर्ट पर आधारित है, जिन्हें विभाग ने राज्य के विभिन्न क्षेत्रों से एकत्र किया था। जांच में यह पाया गया कि ये दवाएं भारतीय औषध संहिता द्वारा निर्धारित मानकों का पालन नहीं कर रही थीं। इस खुलासे के बाद कई दवा निर्माता कंपनियों की जांच की जा रही है।


कंपनियों पर होगी सख्त कार्रवाई
जिन कंपनियों की दवाएं अमानक पाई गई हैं, उन्हें नोटिस जारी करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। औषधि नियंत्रक अधिकारियों ने इन कंपनियों को संबंधित बैच की सभी दवाएं बाजार से वापस मंगाने का आदेश दिया है। विभाग यह भी जांच करेगा कि क्या खामी निर्माण में थी या कच्चे माल की गुणवत्ता खराब थी। ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट के तहत दोषी पाए जाने पर कंपनियों के खिलाफ लाइसेंस रद्द करने से लेकर कानूनी कार्रवाई तक की जा सकती है।


क्या होती हैं अमानक दवाएं?
अमानक दवा का अर्थ है कि वह दवा अपने निर्धारित मानकों पर खरी नहीं उतरी है। इसमें कई प्रकार की समस्याएं हो सकती हैं, जैसे:


दवा में सक्रिय तत्व की मात्रा का कम या ज्यादा होना।
दवा का घुलने का समय सही न होना।
दवा में हानिकारक मिलावट का पाया जाना।
ऐसी दवाएं न केवल बीमारी के इलाज में बेअसर साबित होती हैं, बल्कि कई बार मरीजों के स्वास्थ्य पर गंभीर नकारात्मक प्रभाव भी डाल सकती हैं। स्वास्थ्य विभाग ने स्पष्ट किया है कि दवाओं की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा और भविष्य में भी इस तरह की औचक जांच जारी रहेगी।


किन दवाओं को बाजार से हटाने के निर्देश?
डीएक्सामेथासोन टैबलेट आईपी (डेक्सोमास), टी-16976 कर्नानी फार्मास्युटिकल्स प्राइवेट लिमिटेड फॉर्मा सिटी, सिलाकुई, देहरादून: यह स्टेरॉयड दवा है, जिसका प्रयोग सूजन और एलर्जी जैसी स्थितियों में किया जाता है।


एल्बेंडाजोल टैबलेट आईपी 400 एमजह एलएम 1240917 लाइफ मैक्स केमिकल लेबोरेट्रीज, सेक्टर-ए, आईआईई सिडकुल, हरिद्वार: आमतौर पर पैरासाइट इन्फेक्शन के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाती है।


फ्लुपेंटिसोल एंड मेलिनासेन टैबलेट्स (फ्लूपेन-कॉम) टीएसएफ-डी0631, स्पेन फॉर्मुलेशन प्राइवेट लिमिटेड मोहतपुर, जिला ऊना हिमाचल प्रदेश: मनोवैज्ञानिक विकारों और डिप्रेशन के इलाज में उपयोग की जाती है।