राजस्थान के एमबीबीएस छात्र राहुल घोसल्या का निधन, कजाकिस्तान में ब्रेन हैमरेज से जूझते रहे
राहुल घोसल्या का निधन
जयपुर: कजाकिस्तान में ब्रेन हैमरेज से पीड़ित राजस्थान के एमबीबीएस छात्र राहुल घोसल्या ने अंततः जिंदगी की लड़ाई हार दी। उन्होंने एसएमएस अस्पताल के मेडिकल आईसीयू में अंतिम सांस ली। अस्पताल के अधीक्षक डॉ. मृणाल जोशी ने उनके निधन की पुष्टि की।
अस्पताल में भर्ती
राहुल वेंटिलेटर पर थे और उच्च डोज दवाओं के बावजूद उनके ब्रेन में कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल रही थी। दिवाली के दिन, उन्हें कजाकिस्तान से एयर एंबुलेंस के माध्यम से जयपुर लाया गया था। एयरपोर्ट से उन्हें एसएमएस अस्पताल की क्रिटिकल केयर एंबुलेंस में मेडिकल टीम की निगरानी में लाया गया।
विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम
उनके इलाज के लिए एसएमएस प्रशासन ने विशेषज्ञ चिकित्सकों की एक टीम बनाई थी, जिसमें न्यूरोलॉजी के प्रो. डॉ. दिनेश खंडेलवाल, एनेस्थीसिया के डॉ. निहार शर्मा, जनरल मेडिसिन के डॉ. जीएल धायल, इमरजेंसी मेडिसिन के एचओडी डॉ. सतीश मीणा और अतिरिक्त अधीक्षक नरेंद्र सिंह चौहान शामिल थे। पूरी टीम कॉलेज प्राचार्य डॉ. दीपक माहेश्वरी और अधीक्षक डॉ. मृणाल जोशी की देखरेख में उपचार कर रही थी।
एमबीबीएस की पढ़ाई
राहुल 2021 से कजाकिस्तान की राजधानी अस्ताना में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे थे। 8 अक्टूबर को उन्हें अचानक ब्रेन हैमरेज हुआ, जिसके बाद उन्हें वहां के अस्पताल में वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया। परिवार ने उनकी स्थिति गंभीर होने पर उन्हें भारत लाने का प्रयास शुरू किया।
सामाजिक सहयोग
इस दौरान भाजपा नेता उपेन यादव, पूर्व जिला पार्षद महेंद्र चौधरी और शाहपुरा विधायक मनीष यादव ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। विधायक यादव ने आर्थिक सहायता भी प्रदान की।
राहुल की वतन वापसी
राहुल की वतन वापसी में राजस्थान एसोसिएशन ऑफ नॉर्थ अमेरिका (राना) के अध्यक्ष प्रेम भंडारी की महत्वपूर्ण भूमिका रही। उन्होंने भारतीय दूतावास, विदेश मंत्रालय और इंडियन कम्युनिटी वेलफेयर फंड के साथ समन्वय कर एयरलिफ्ट की प्रक्रिया को संभव बनाया। कई प्रयासों और जनसहयोग से राहुल को जयपुर लाया गया, जहां उनकी स्थिति लगातार नाजुक बनी रही।
अंतिम स्थिति
एसएमएस मेडिकल कॉलेज प्रशासन के अनुसार, राहुल के ब्रेन में लंबे समय तक कोई न्यूरोलॉजिकल गतिविधि नहीं दिखी और अंततः उन्होंने दम तोड़ दिया। इस दुखद समाचार से शाहपुरा के नयाबास गांव में शोक की लहर दौड़ गई।
