राजस्थान की गोशाला में लखपति गायों की अनोखी परंपरा
लखपति गायों की अनोखी कहानी
आपने लखपति व्यक्तियों के बारे में कई बार सुना होगा, लेकिन क्या आपने कभी लखपति गायों के बारे में सुना है? राजस्थान के झुंझुनू जिले की एक गोशाला में 28 गायें हैं, जिनके पास एक-एक लाख रुपये की एफडी है। आइए, इस अद्भुत गोशाला और इन लखपति गायों के बारे में विस्तार से जानते हैं।
गौशाला की विशेषताएँ
गुढ़ागौड़जी के भोड़की गांव में स्थित श्री जमवाय ज्योति गौशाला इन दिनों चर्चा का केंद्र बनी हुई है। यहां की समिति गायों की देखभाल के लिए विशेष प्रयास कर रही है। देशभर में गौसेवा के कई कार्य होते हैं, लेकिन यहां गायों के संरक्षण के लिए एक अनोखी परंपरा विकसित की गई है।
गायों की देखभाल का अनोखा तरीका
इस गौशाला में भक्तजन गायों को गोद लेकर उनके नाम पर 1 लाख रुपये की एफडी करवा रहे हैं। इन गायों के बैंक बैलेंस और ब्याज से उनकी देखभाल की जाती है। गांव के पूर्व सरपंच शिवराम सिंह के अनुसार, इस गौशाला में वर्तमान में 983 गायें हैं, जिनमें से 28 गायों को लोगों ने गोद लिया है।
गौसेवा के लिए अनोखी योजनाएँ
गौशाला में गायों की सेवा के लिए कई योजनाएँ हैं, जिनसे पुण्य कमाने का अवसर मिलता है। इन योजनाओं से हर महीने लगभग 2 लाख रुपये की आय होती है, जिसका अधिकांश हिस्सा गायों की देखभाल में खर्च होता है।
इस गौशाला की शुरुआत दो बीघा जमीन से हुई थी, जो अब 60 बीघा से अधिक हो चुकी है। यहां 18 से 20 लोग गायों की देखभाल के लिए कार्यरत हैं। गायों की बढ़ती संख्या को देखते हुए यहां पशु अस्पताल का निर्माण भी चल रहा है। इस गोशाला से रोजाना लगभग 100 लीटर दूध प्राप्त होता है, जिसका घी भी बनाया जाता है।
गौशाला परिसर में जैविक खाद निर्माण का प्लांट भी स्थापित है, जिसमें केंचुए की खाद बनाई जाती है। यह रासायनिक खाद की तुलना में फसलों के लिए अधिक लाभकारी होती है। गायों को गोद लेने की यह अनोखी परंपरा गौ संरक्षण के लिए प्रेरणादायक है और इससे कई गायों की जिंदगी में सुधार हो सकता है।
