राजनीतिक विवाद: अखिलेश यादव के दिवाली खर्च पर बयान पर भाजपा और विहिप की प्रतिक्रिया

समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव के दिवाली समारोहों पर सरकारी खर्च की तुलना क्रिसमस से करने के बाद भाजपा और विश्व हिंदू परिषद ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। भाजपा ने आरोप लगाया कि यादव को अयोध्या की रौनक से परेशानी है, जबकि विहिप ने उन पर विदेशी परंपराओं को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। यादव ने सरकार के खर्च पर सवाल उठाते हुए कहा कि हमें क्रिसमस से सीखना चाहिए। जानें इस विवाद के सभी पहलुओं के बारे में।
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राजनीतिक विवाद: अखिलेश यादव के दिवाली खर्च पर बयान पर भाजपा और विहिप की प्रतिक्रिया

अखिलेश यादव के बयान पर भाजपा की प्रतिक्रिया

समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव द्वारा दिवाली समारोहों पर सरकारी खर्च की तुलना क्रिसमस के उत्सव से करने के बाद भाजपा और विश्व हिंदू परिषद ने तीखी आलोचना की है, जिससे एक नया राजनीतिक विवाद उत्पन्न हुआ है।


भाजपा का आरोप: अयोध्या की रौनक से परेशानी

भाजपा के प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने अखिलेश यादव पर आरोप लगाया कि उन्हें 'अयोध्या की रौनक से परेशानी' है। उन्होंने कहा, 'समाजवादी पार्टी के शासन में अयोध्या को अंधकार में रखा गया था। पहले भी सपा सरकार ने राम भक्तों पर गोलियां चलवाई थीं। अब जब अयोध्या रोशन है, तो अखिलेश को समस्या हो रही है।' उन्होंने यह भी कहा कि सपा के लोग सैफई में नाच-गाने का आयोजन करते थे, लेकिन जब अयोध्या में दिवाली मनाई जा रही है, तो उन्हें परेशानी हो रही है।


विहिप का अखिलेश पर हमला

विश्व हिंदू परिषद के प्रवक्ता विनोद बंसल ने यादव पर भारतीय संस्कृति की बजाय विदेशी परंपराओं को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, 'दिवाली के अवसर पर क्रिसमस की प्रशंसा करने वाले इस पूर्व मुख्यमंत्री की बात सुनिए। दीयों की चमक ने उनका दिल इतना जला दिया है कि वह एक अरब हिंदुओं को उपदेश दे रहे हैं कि दीयों और मोमबत्तियों पर पैसा बर्बाद न करें, क्रिसमस से सीखें।'


बंसल ने यादव को जिहादियों और धर्मांतरण गिरोहों का समर्थक बताते हुए कहा कि वह हिंदुओं से ज्यादा ईसाइयों को पसंद करते हैं और भारतीय त्योहारों की बजाय विदेशी त्योहारों का महिमामंडन करते हैं।


उन्होंने यह भी कहा, 'जब ईसाई धर्म नहीं था, तब भी दिवाली मनाई जाती थी। आज दिवाली पर वह क्रिसमस पर प्रवचन दे रहे हैं। क्रिसमस तो दो महीने बाद आएगा। उन्हें यह भी नहीं पता कि कौन सा त्योहार आ रहा है। अखिलेश यादव अपनी सनातन विरोधी मानसिकता से कब मुक्त होंगे? अयोध्या की रौनक और हिंदुओं की खुशी पर इतनी ईर्ष्या ठीक नहीं है।'


अखिलेश यादव का बयान

अखिलेश यादव ने शनिवार को दिवाली समारोहों पर सरकारी खर्च को लेकर सवाल उठाए थे और इसकी तुलना विश्वभर में मनाए जाने वाले क्रिसमस समारोहों से की थी। एक सभा में उन्होंने कहा, 'मैं भगवान राम के नाम पर एक सुझाव देना चाहूंगा। दुनिया भर में, क्रिसमस के दौरान सभी शहर जगमगा उठते हैं, और यह महीनों तक चलता है। हमें उनसे सीखना चाहिए। हमें दीयों और मोमबत्तियों पर इतना पैसा क्यों खर्च करना पड़ता है और इसके लिए इतना सोचना क्यों पड़ता है?'


उन्होंने सरकार को बदलने का आह्वान करते हुए कहा, 'हम इस सरकार से क्या उम्मीद कर सकते हैं? इसे हटा देना चाहिए। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि और भी खूबसूरत रोशनियां हों।'