राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान की UNSC में भूमिका पर उठाए सवाल

भारत के रक्षा मंत्री की चिंता
भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) द्वारा पाकिस्तान को आतंकवाद निरोधक पैनल का उपाध्यक्ष बनाने के निर्णय पर अपनी आपत्ति व्यक्त की। उन्होंने कहा कि यह निर्णय 'बिल्ली को दूध की रखवाली करने' जैसा है, क्योंकि पाकिस्तान का आतंकवादियों को संरक्षण देने का एक लंबा इतिहास रहा है। सिंह ने यूएनएससी के इस फैसले पर आश्चर्य जताते हुए कहा कि यह निर्णय 9/11 के आतंकी हमलों के बाद के समय में लिया गया है, जबकि पाकिस्तान ने इन हमलों के मास्टरमाइंड को शरण दी थी।
पाकिस्तान की आतंकवाद के प्रति भूमिका
सिंह ने देहरादून में एक कार्यक्रम में कहा कि हाफिज सईद और मसूद अजहर जैसे आतंकवादी पाकिस्तान में खुलेआम घूमते हैं, और पाकिस्तानी सेना के वरिष्ठ अधिकारी आतंकवादियों के अंतिम संस्कार में शामिल होते हैं। उन्होंने कहा कि अब उसी देश से आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक समुदाय का नेतृत्व करने की उम्मीद की जा रही है। यूएनएससी की कार्रवाई को उन्होंने बिल्ली से दूध की रखवाली करने के समान बताया।
आतंकवाद के खिलाफ ठोस कदम उठाने की आवश्यकता
सिंह ने यह भी कहा कि पाकिस्तान ने हमेशा आतंकवादियों को पनाह दी है और उन्हें प्रशिक्षित किया है। उन्होंने पहलगाम हमले का उदाहरण देते हुए कहा कि पाकिस्तान द्वारा सहायता प्राप्त आतंकवादियों की सूची बहुत लंबी है। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद को सही ठहराने की कोशिश करता है, इसलिए यह आवश्यक है कि हम न केवल आतंकवादियों को बल्कि उनके समर्थन करने वाले पूरे ढांचे को समाप्त करें।
पाकिस्तान का आतंकवाद का समर्थन
उन्होंने यह स्पष्ट किया कि पाकिस्तान आतंकवाद का समर्थन करता है और उसकी विदेशी सहायता का एक बड़ा हिस्सा इस समर्थन को वित्तपोषित करने में खर्च किया जाता है। सिंह ने कहा, "पाकिस्तान को वित्तपोषित करना आतंकवाद के बुनियादी ढांचे को वित्तपोषित करना है। पाकिस्तान आतंकवाद की नर्सरी है और इसे पोषित नहीं किया जाना चाहिए।"