राजनाथ सिंह ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की कार्रवाई की सराहना की
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जोधपुर में एक कार्यक्रम के दौरान पहलगाम में आतंकवादियों के खिलाफ भारत की कार्रवाई की सराहना की। उन्होंने बताया कि भारतीय सैनिकों ने धर्म के बजाय आतंकवादियों के कार्यों के आधार पर जवाबी कार्रवाई की। राजनाथ ने युवाओं की ऊर्जा और संकल्प की प्रशंसा की और कहा कि देश की सुरक्षा केवल सरकार या सेना की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि हर नागरिक को अपने कर्तव्यों के प्रति जागरूक रहना चाहिए।
Aug 25, 2025, 15:21 IST
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भारत की जवाबी कार्रवाई पर रक्षा मंत्री का बयान
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को बताया कि अप्रैल में पहलगाम में आतंकवादियों ने निर्दोष लोगों की पहचान पूछकर उनकी हत्या की थी, लेकिन भारतीय सैनिकों ने धर्म के बजाय उनके कार्यों के आधार पर जवाबी कार्रवाई की। जोधपुर में एक कार्यक्रम के दौरान, उन्होंने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए हमले के बाद भारत की ऑपरेशन सिंदूर के तहत की गई कार्रवाई का उल्लेख किया, जिसमें 26 लोग मारे गए थे।
राजनाथ ने यह भी कहा कि भारत 'वसुधैव कुटुम्बकम' (सारी दुनिया एक परिवार है) के सिद्धांत में विश्वास करता है और जाति या धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं करता। उन्होंने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना ने पाकिस्तान को एक सशक्त जवाब दिया और निर्धारित ठिकानों पर सटीक हमले किए। पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादी समूहों से जुड़े कई ठिकानों पर हमले किए गए। वह जोधपुर में एक रक्षा और खेल अकादमी का उद्घाटन करने और सैनिकों के परिवारों को सम्मानित करने के लिए उपस्थित थे।
रक्षा मंत्री ने कहा कि जब भी वह युवाओं से मिलते हैं और उनकी आँखों में उत्साह और संकल्प देखते हैं, तो उन्हें नई ऊर्जा मिलती है। यही ऊर्जा भारत के भविष्य की पहचान है। उन्होंने कहा कि हमारे युवाओं की ऊर्जा और संकल्प, ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भी स्पष्ट था। हमारी सेनाओं ने पाकिस्तान के कायराना हमलों का मुंहतोड़ जवाब दिया, जिसे पूरी दुनिया ने देखा। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान, सभी सीमावर्ती क्षेत्रों से हमारी सेनाओं को समर्थन मिला। यह हमें सिखाता है कि देश की सुरक्षा केवल सरकार या सेना की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि हर नागरिक और युवा को अपने कर्तव्यों के प्रति जागरूक और समर्पित रहना चाहिए, तभी हम हर चुनौती का सामना कर सकेंगे।
राजनाथ ने कहा कि विद्या भारती संस्थान, भारत की शैक्षणिक परंपरा का एक जीवंत उदाहरण है। विद्या भारती ने हमेशा इस बात पर जोर दिया है कि बच्चों को अच्छे इंसान और नागरिक बनाया जाए। उन्होंने कहा कि विद्या भारती के लिए शिक्षा का अर्थ केवल किताबों और परीक्षाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि यह जीवन के हर पहलू, जैसे शारीरिक मजबूती, मानसिक संतुलन, सोचने की क्षमता, संस्कृति का ज्ञान और आध्यात्मिक गहराई पर ध्यान देने का प्रयास है।