राजद विधायक भाई वीरेंद्र ने विधानसभा में माफी मांगने से किया इनकार
बिहार विधानसभा में राजद विधायक भाई वीरेंद्र ने अपनी विवादास्पद टिप्पणी पर माफी मांगने से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि सदन किसी की संपत्ति नहीं है और उनकी टिप्पणी असंसदीय नहीं थी। इस पर उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने भी प्रतिक्रिया दी है। जानें इस विवाद के पीछे की पूरी कहानी और भाई वीरेंद्र का स्पष्ट रुख।
Jul 24, 2025, 15:48 IST
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विधानसभा में विवादित टिप्पणी पर भाई वीरेंद्र का रुख
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के विधायक भाई वीरेंद्र ने गुरुवार को विधानसभा में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर चर्चा के दौरान अपनी विवादास्पद टिप्पणी के लिए माफी मांगने से साफ इनकार कर दिया। बिहार विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान यह मामला तब गरमा गया जब भाई वीरेंद्र ने बुधवार को एक ऐसा बयान दिया जिसे कुछ सदस्यों ने आपत्तिजनक माना।
एएनआई से बातचीत में भाई वीरेंद्र ने कहा, "मैं किससे माफी मांगूँ? क्या उन लोगों से जो गुंडा राज चलाते हैं? विधानसभा में कुछ सदस्य दलितों, अल्पसंख्यकों और पिछड़े वर्गों की आवाज़ को दबाने का प्रयास कर रहे हैं। हम ऐसा नहीं होने देंगे। मैं मनेर से हूँ और वहाँ के लोग हमेशा संघर्ष के लिए तैयार रहते हैं। मैं अपने बयान के लिए कभी माफी नहीं माँगूँगा।"
विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव की चिंता
बुधवार को यह विवाद तब शुरू हुआ जब विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने एसआईआर प्रक्रिया पर चिंता व्यक्त की और आरोप लगाया कि इससे प्रवासी मतदाताओं में भय उत्पन्न होता है। वीरेंद्र के बयान की आलोचना करते हुए, बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि राजद विधायक सदन में ऐसी टिप्पणियाँ करके 'गुंडा राज' स्थापित करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने उन्हें समझाने की कोशिश की कि केवल 2 दिन बचे हैं, इसलिए जनहित के मुद्दों को शांति से उठाने दिया जाना चाहिए, लेकिन भाई वीरेंद्र ने कहा कि क्या सदन किसी के बाप का है?
सिन्हा ने आगे कहा कि इस तरह, वह सदन में गुंडा राज स्थापित करना चाहते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यह 90 का दशक नहीं है और उन्हें अपनी भाषा के लिए माफी मांगनी चाहिए। अगर वे माफी नहीं मांगते हैं, तो ऐसे लोगों को सदन में रहने का कोई अधिकार नहीं है। आरोपों का जवाब देते हुए, राजद विधायक भाई वीरेंद्र ने कहा कि उनकी टिप्पणी में कुछ भी असंसदीय नहीं था।
भाई वीरेंद्र का स्पष्ट रुख
वीरेंद्र ने जोर देकर कहा कि उन्होंने जो कुछ भी कहा है, उस पर वह कायम हैं। उन्होंने कहा, "मैंने कहा है कि सदन किसी की संपत्ति नहीं है। मैंने जो कहा उसमें क्या गलत था? यह संसदीय भाषा है। इसके बाद, मंत्री गाली-गलौज करने लगे। मैं किस बात की माफी मांगूँ? मैंने क्या गलत किया है?... क्या विजय सिन्हा हमारे नेता हैं? क्या वह हमारे मालिक हैं? वे मेरे सामने पैदा हुए थे।"