राजद नेता लालू प्रसाद का डॉ. अंबेडकर विवाद पर प्रतिक्रिया

लालू प्रसाद का अभियान तेज
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने डॉ. बीआर अंबेडकर के कथित अपमान के खिलाफ अपनी पार्टी के सामाजिक न्याय के मुद्दे पर अभियान को और तेज करने का निर्णय लिया है। 11 जून को लालू प्रसाद के जन्मदिन पर एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें डॉ. अंबेडकर का पोस्टर उनके पैरों के पास रखा हुआ था। इस मुद्दे को लेकर राज्य भाजपा ने हाल के दिनों में कई बार इसे उठाया है, जिसमें बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने पटना में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की।
भाजपा की आलोचना
लालू यादव और डॉ. अंबेडकर के फोटो विवाद के बीच पटना में लगाए गए पोस्टरों पर लिखा गया है, 'सात दिन हो गए, कब माफी मांगोगे लालू यादव और तेजस्वी यादव?' रविवार को बिहार राज्य अनुसूचित जाति आयोग ने लालू को नोटिस जारी कर इस मामले में अपनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए कहा। केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने इस मुद्दे पर चुप्पी साधने के लिए लालू प्रसाद की आलोचना की। उन्होंने कहा, "बिहार के लोग लालूजी के शासन को नहीं भूले हैं। उनके शासन में दलितों और पिछड़े समुदायों पर अत्याचार चरम पर थे। वीडियो में दिख रहे दृश्य उनके अहंकार को दर्शाते हैं। मेरा मानना है कि उन्हें इसके लिए माफी मांगनी चाहिए।"
राजद की प्रतिक्रिया
भाजपा के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए वरिष्ठ राजद नेता मनोज झा ने इसे भाजपा का निरर्थक दिखावा बताया। उन्होंने कहा कि भाजपा की ये निरर्थक हरकतें वास्तव में उनकी खोखली राजनीति को उजागर करती हैं। झा ने यह भी कहा कि जबकि भाजपा अक्सर डॉ. बी.आर. अंबेडकर का आह्वान करती है, हम इस बात पर जोर देते रहे हैं कि यह उनके द्वारा स्थापित मूल्यों - सामाजिक न्याय, समानता और संवैधानिक नैतिकता - की उपेक्षा करती है।