राजद उम्मीदवार श्वेता सुमन का नामांकन रद्द, चुनाव आयोग की कार्रवाई

राजद की उम्मीदवार श्वेता सुमन का नामांकन चुनाव आयोग द्वारा रद्द कर दिया गया है, जिससे बिहार चुनाव में नई चुनौतियाँ सामने आई हैं। भाजपा की शिकायत के बाद यह कार्रवाई की गई। इसके अलावा, महागठबंधन को भी एक और झटका लगा है, जब सुगौली से राजद विधायक का नामांकन तकनीकी कारणों से खारिज कर दिया गया। जानें इस घटनाक्रम के पीछे की पूरी कहानी और आगामी चुनावों की स्थिति।
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राजद उम्मीदवार श्वेता सुमन का नामांकन रद्द, चुनाव आयोग की कार्रवाई

राजद उम्मीदवार का नामांकन रद्द

कैमूर मोहनिया विधानसभा क्षेत्र से राजद की उम्मीदवार श्वेता सुमन का नामांकन चुनाव आयोग द्वारा रद्द कर दिया गया है। आयोग ने यह कदम इसलिए उठाया क्योंकि सुमन ने 2020 के बिहार चुनाव में अपने निवास को उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले में दर्शाया था, जबकि 2025 के चुनाव में उन्होंने बिहार में निवास बताया। भाजपा ने इस मामले में चुनाव आयोग में शिकायत की थी, जिसके बाद आज उनका नामांकन रद्द किया गया।


महागठबंधन को झटका

यह घटना पूर्वी चंपारण में विपक्ष को एक बड़ा झटका देने के एक दिन बाद हुई है। महागठबंधन के दो प्रमुख नामांकन खारिज होने के कारण सुगौली सीट एनडीए के लिए संभावित रूप से आसान बन गई है। सुगौली से राजद के मौजूदा विधायक शशि भूषण सिंह ने विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन दाखिल किया था। हालांकि, तकनीकी कारणों से उनका नामांकन पत्र खारिज कर दिया गया। चूंकि वीआईपी एक पंजीकृत क्षेत्रीय पार्टी नहीं है, इसलिए सिंह को अपने नामांकन के लिए 10 प्रस्तावक लाने थे, लेकिन राजद के नियमों के अनुसार उन्होंने केवल एक ही प्रस्तावक पेश किया। चुनाव आयोग ने उनके नामांकन पत्रों में खामियाँ पाईं और उनकी उम्मीदवारी रद्द कर दी।


विपक्ष की चुनौतियाँ बढ़ीं

राजद के बागी ओम प्रकाश चौधरी का नामांकन भी रद्द कर दिया गया, क्योंकि उनकी फाइल में कई पन्ने खाली पाए गए। यह महागठबंधन के भीतर संगठनात्मक खामियों का संकेत है। पहले चरण के मतदान के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तिथि 17 अक्टूबर को समाप्त हो गई, जबकि दूसरे चरण के लिए नामांकन की अंतिम तिथि सोमवार को समाप्त हुई। बिहार विधानसभा के 243 सदस्यों के लिए मतदान 6 और 11 नवंबर को होगा, जबकि मतगणना 14 नवंबर को की जाएगी।