रविशंकर प्रसाद ने राहुल गांधी पर विदेशी धरती पर भारत का अपमान करने का आरोप लगाया

भारतीय जनता पार्टी के नेता रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर आरोप लगाया है कि उन्होंने विदेश में भारत का अपमान किया है। प्रसाद ने कहा कि गांधी सत्ता की चाह में ऐसी टिप्पणियाँ कर रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि गांधी विदेश में भारत का अपमान करते रहेंगे, तो जनता उन्हें वोट नहीं देगी। इस बीच, राहुल गांधी ने लोकतंत्र पर हमले को भारत के लिए सबसे बड़ी चुनौती बताया है। जानें इस विवाद के पीछे की पूरी कहानी और दोनों नेताओं के बयानों के बारे में।
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रविशंकर प्रसाद ने राहुल गांधी पर विदेशी धरती पर भारत का अपमान करने का आरोप लगाया

रविशंकर प्रसाद का राहुल गांधी पर आरोप

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने गुरुवार को कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर आरोप लगाया कि उन्होंने विदेश में भारत का "अपमान" किया है। उन्होंने केंद्र सरकार पर गांधी के "लोकतंत्र पर हमले" के आरोप का भी बचाव किया। एक संवाददाता सम्मेलन में प्रसाद ने कहा कि राहुल गांधी सत्ता की चाह में ऐसी टिप्पणियाँ कर रहे हैं। उन्होंने लोकसभा में विपक्ष के नेता पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत के विकास को "गाली" देने का भी आरोप लगाया।


राहुल गांधी की विदेश यात्रा पर टिप्पणी

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राहुल गांधी विदेश में हैं और यह बेहतर होता यदि वे भारत की भलाई की कामना करते। लेकिन, उन्होंने भारत पर हमले किए हैं। प्रसाद ने कहा कि राहुल गांधी निराधार बातें करते हैं और दावा करते हैं कि भारत में लोकतंत्र नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत में पूर्ण लोकतंत्र है, लेकिन राहुल गांधी की समस्या यह है कि वे सत्ता चाहते हैं।


भाजपा सांसद की चेतावनी

भाजपा सांसद ने चेतावनी दी कि यदि राहुल गांधी विदेश में भारत का अपमान करते रहेंगे, तो जनता उन्हें वोट नहीं देगी। उन्होंने कहा कि गांधी का चीन के प्रति प्रेम तब स्पष्ट हुआ जब उन्होंने कहा कि भारत एक वैश्विक शक्ति नहीं बन सकता। प्रसाद ने कहा कि यदि आप विदेश जाकर भारत का अपमान करेंगे, तो जनता आपको वोट नहीं देगी।


राहुल गांधी का बयान

प्रसाद की यह टिप्पणी राहुल गांधी द्वारा नरेंद्र मोदी सरकार पर किए गए हमले के बाद आई है। गांधी ने कोलंबिया के ईआईए विश्वविद्यालय में कहा था कि भारत के सामने सबसे बड़ी चुनौती लोकतंत्र पर हमला है। उन्होंने "संरचनात्मक खामियों" के मुद्दे पर प्रकाश डाला और कहा कि देश की विविध परंपराओं को फलने-फूलने दिया जाना चाहिए।


गांधी का लोकतंत्र पर जोर

गांधी ने कहा कि भारत में इंजीनियरिंग और स्वास्थ्य सेवा जैसे क्षेत्रों में मजबूत क्षमताएँ हैं, जिससे वे देश के प्रति आशावादी हैं। लेकिन, उन्होंने यह भी कहा कि इस ढाँचे में कुछ खामियाँ हैं जिन्हें सुधारने की आवश्यकता है। उन्होंने लोकतांत्रिक व्यवस्था को विविधता के लिए बेहद ज़रूरी बताया और कहा कि यह विभिन्न परंपराओं, रीति-रिवाजों और विचारों को पनपने की जगह देती है।