रवि शास्त्री का आईसीसी राजस्व में भारत के हिस्से की मांग
पूर्व क्रिकेटर और मुख्य कोच रवि शास्त्री ने आईसीसी के राजस्व में भारत के हिस्से को बढ़ाने की मांग की है। उनका कहना है कि भारत का योगदान सबसे अधिक है और जब भारत विदेश में खेलता है, तो कमाई में कई गुना वृद्धि होती है। शास्त्री ने इस मुद्दे पर अपने विचार साझा किए हैं, जो क्रिकेट की दुनिया में महत्वपूर्ण हैं। जानें उन्होंने और क्या कहा।
Jun 27, 2025, 13:15 IST
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भारत के क्रिकेट कोच की मांग
भारत के पूर्व क्रिकेटर और मुख्य कोच रवि शास्त्री का मानना है कि भारत को आईसीसी के कुल राजस्व में एक बड़ा हिस्सा मिलना चाहिए। उनका तर्क है कि भारत का योगदान आईसीसी के खजाने में सबसे अधिक है। 2024-27 चक्र के मॉडल के अनुसार, भारत वर्तमान में आईसीसी के कुल राजस्व का 38.5 प्रतिशत प्राप्त करता है, जो इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों की तुलना में काफी अधिक है। फिर भी, शास्त्री इस हिस्से में और वृद्धि की इच्छा रखते हैं।
शास्त्री का कहना है कि जब भारत विदेश में खेलता है, तो टीवी राइट्स और कमाई में कई गुना वृद्धि होती है। इसलिए यह उचित है कि भारत को उसके हिस्से का बड़ा भाग मिले।
विज्डन क्रिकेट के साथ बातचीत में, शास्त्री ने कहा कि भारत को आईसीसी के कुल राजस्व का और बड़ा हिस्सा मिलना चाहिए। जब भारत विदेश में खेलता है, तो टीवी राइट्स से होने वाली कमाई में वृद्धि होती है। टीवी से होने वाली कमाई के आंकड़े इस बात को साबित करते हैं। इसलिए यह कहना उचित है कि उन्हें उनके हिस्से का बड़ा भाग मिले।
उन्होंने आगे कहा कि जो भी पैसा आता है, उसका अधिकांश हिस्सा भारत से आता है। यह सब अर्थव्यवस्था पर निर्भर करता है। यदि भविष्य में किसी अन्य देश की अर्थव्यवस्था भारत से मजबूत हो जाती है, तो पैसा वहां से आएगा। जैसे 70 और 80 के दशक में हुआ करता था। उस समय कमाई का बड़ा हिस्सा किसी और देश को जाता था। इसलिए भारत के लिए और बड़ा हिस्सा मांगना सही है।
गौरतलब है कि आईसीसी के राजस्व मॉडल के अनुसार, 88 प्रतिशत से अधिक राजस्व 12 पूर्ण सदस्य देशों के बीच बांटा जाता है। इसमें से 48.2 प्रतिशत का महत्वपूर्ण हिस्सा खेल के तीन प्रमुख देशों, भारत, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच बांटा जाता है। भारत एकमात्र ऐसा देश है जिसे अपने हिस्से का प्रतिशत दोहरे अंकों में, यानी 38.5 प्रतिशत प्राप्त होता है।