रतन टाटा की तस्वीर वाले नोटों की अफवाहें: सच्चाई क्या है?

सोशल मीडिया पर रतन टाटा की तस्वीर वाले भारतीय करेंसी नोटों की अफवाहें तेजी से फैल रही हैं, जिसमें दावा किया जा रहा है कि महात्मा गांधी की तस्वीर को बदल दिया जाएगा। हालांकि, भारतीय रिजर्व बैंक ने इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। जानें इस विषय पर सच्चाई और RBI का स्पष्टीकरण। क्या ये दावे सच हैं या सिर्फ एक फर्जी खबर? पूरी जानकारी के लिए पढ़ें।
 | 
रतन टाटा की तस्वीर वाले नोटों की अफवाहें: सच्चाई क्या है?

सोशल मीडिया पर रतन टाटा की मृत्यु की अफवाहें


हाल ही में, सोशल मीडिया पर यह खबर तेजी से फैल गई है कि रतन टाटा, जो टाटा समूह के पूर्व चेयरमैन हैं और भारत के प्रमुख उद्योगपतियों में से एक माने जाते हैं, का निधन हो गया है। इसके साथ ही, महात्मा गांधी की जगह रतन टाटा की तस्वीर वाले भारतीय करेंसी नोटों की तस्वीरें भी वायरल हो रही हैं। लेकिन क्या ये दावे सच हैं? आइए जानते हैं।


भारतीय करेंसी पर रतन टाटा की तस्वीरें: क्या है सच?

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर अक्सर ऐसी अफवाहें फैलती हैं, और हालिया दावा यह है कि भारतीय करेंसी नोटों पर महात्मा गांधी की तस्वीर को रतन टाटा की तस्वीर से बदलने की योजना है। 500, 200 और 100 रुपये के नोटों पर रतन टाटा की तस्वीरें तेजी से साझा की जा रही हैं। हालांकि, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) या सरकार ने इस संबंध में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी है।


आरबीआई का आधिकारिक स्पष्टीकरण

यह जानना महत्वपूर्ण है कि भारतीय मुद्रा के डिजाइन और मुद्रण के लिए RBI जिम्मेदार है। अब तक, महात्मा गांधी की तस्वीर को रतन टाटा की तस्वीर से बदलने का कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। इसलिए, ये वायरल दावे पूरी तरह से निराधार हैं और इन्हें फर्जी खबर माना जाना चाहिए।


फर्जी नोट की उत्पत्ति

रतन टाटा की तस्वीर वाले 500 रुपये के नोट की वायरल तस्वीर 2 नवंबर, 2024 को एक यूजर द्वारा साझा की गई थी। इस नोट में लाल किले की तस्वीर के साथ टाटा समूह के मुख्यालय की तस्वीर भी थी। जब इस गलत सूचना का पता चला, तो मूल निर्माता ने स्पष्ट किया कि यह केवल एक रचनात्मक कलाकृति थी और लोगों से अनुरोध किया कि वे इसे गलत तरीके से न फैलाएं।


रतन टाटा की छवि वाले नोटों का प्रसार

वायरल तस्वीरों में रतन टाटा की तस्वीर वाले 500, 200 और 100 रुपये के नोट दिखाए गए हैं। दावा किया जा रहा है कि सरकार और RBI इन नोटों को बाजार में लाने की योजना बना रहे हैं। हालांकि, इस संबंध में किसी भी आधिकारिक स्रोत से पुष्टि नहीं की गई है।


महात्मा गांधी की तस्वीर कब छपी थी?

महात्मा गांधी की छवि पहली बार 1969 में उनके जन्म शताब्दी के अवसर पर भारतीय मुद्रा नोटों पर दिखाई दी थी। इसके बाद, 1996 में, RBI ने उनके चित्र वाले नोटों की एक नई श्रृंखला शुरू की, जिसे व्यापक रूप से स्वीकार किया गया। यह परिवर्तन सुरक्षा सुविधाओं को बढ़ाने के उद्देश्य से किया गया था।


महात्मा गांधी से पहले किसका नाम था?

महात्मा गांधी से पहले भारतीय मुद्रा पर ग्रेट ब्रिटेन के राजा जॉर्ज VI की छवि अंकित थी। 1947 में स्वतंत्रता के बाद, ब्रिटिश सम्राट की छवि को भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रतीक से बदलने की योजना बनाई गई। अंततः, सारनाथ से अशोक के सिंह स्तंभ को राष्ट्रीय प्रतीक के रूप में चुना गया।


निष्कर्ष

सोशल मीडिया पर अक्सर गलत सूचनाएँ फैलती हैं, इसलिए मुद्रा परिवर्तन के बारे में सरकार और RBI की आधिकारिक घोषणाओं पर भरोसा करना आवश्यक है। महात्मा गांधी की जगह रतन टाटा की छवि होने का दावा पूरी तरह से झूठा है। नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वे किसी भी खबर पर विश्वास करने या उसे साझा करने से पहले उसकी पुष्टि कर लें।