रक्षाबंधन पर राखी पहनने और उतारने के सही तरीके

रक्षाबंधन भाई-बहन के रिश्ते का प्रतीक है, जिसमें बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं। इस लेख में जानें कि राखी को कब तक पहनना चाहिए, इसे उतारने का सही तरीका क्या है, और ज्योतिषीय दृष्टिकोण से इसके महत्व को कैसे समझा जा सकता है। जानें राखी उतारने के समय क्या सावधानियां बरतनी चाहिए।
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रक्षाबंधन पर राखी पहनने और उतारने के सही तरीके

रक्षाबंधन का महत्व और राखी का अर्थ


रक्षाबंधन भाई-बहन के रिश्ते का प्रतीक है, जो प्रेम और विश्वास को दर्शाता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधकर उनकी लंबी उम्र और खुशहाल जीवन की कामना करती हैं, जबकि भाई अपनी बहनों की रक्षा का वचन देते हैं। लेकिन यह जानना जरूरी है कि राखी बांधने के बाद इसे कब तक पहनना चाहिए और इसे उतारने का सही तरीका क्या है।


राखी पहनने की परंपरा

सनातन धर्म में किसी भी शुभ वस्तु को तुरंत हटाना अशुभ माना जाता है। राखी को रक्षा सूत्र के रूप में देखा जाता है, जो भाई को नकारात्मक शक्तियों से बचाता है। मान्यता है कि इसे रक्षाबंधन की पूर्णिमा से अगले पंद्रह दिनों तक बांधे रखना शुभ होता है, क्योंकि यह भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत बनाता है।


राखी उतारने का सही तरीका

कई परंपराओं में राखी को जन्माष्टमी तक बांधे रखने की प्रथा है। इस साल रक्षाबंधन 9 अगस्त को है और जन्माष्टमी 16 अगस्त को। इस अवधि में राखी बांधे रखना सौभाग्यशाली माना जाता है। जन्माष्टमी के बाद इसे उतारकर किसी पवित्र स्थान, जैसे बहते जल में प्रवाहित करना या किसी वृक्ष के नीचे श्रद्धा से रखना उचित है।


ज्योतिषीय दृष्टिकोण

ज्योतिष के अनुसार, राखी को 16 दिनों तक पहनना अत्यंत फलदायी माना गया है। पूर्णिमा से अगले 15 दिन और 16वें दिन जल में विसर्जन करने से भाई की आयु, सफलता और समृद्धि में वृद्धि होती है। कुछ क्षेत्रों में इसे दशहरे तक पहनने की परंपरा है, ताकि यह भाई के लिए सुरक्षा कवच का काम करे।


राखी उतारने के समय का ध्यान

राखी उतारते समय इसे कभी भी लापरवाही से कचरे में नहीं फेंकना चाहिए। यह एक पवित्र धागा है और इसे सम्मानपूर्वक बहते जल में प्रवाहित करना या तुलसी के पौधे के नीचे रखना श्रेष्ठ माना जाता है, क्योंकि यह भाई की सभी परेशानियों और नकारात्मक ऊर्जा को अपने साथ ले जाती है।