रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने विजयादशमी पर भुज में शस्त्र पूजा की
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने विजयादशमी के अवसर पर भुज सैन्य अड्डे पर शस्त्र पूजा का आयोजन किया। इस समारोह में सेना प्रमुख और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए। राजनाथ सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता और एल-70 एयर डिफेंस तोप की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने शस्त्र पूजा के महत्व को समझाते हुए धर्म और न्याय की रक्षा के लिए शक्ति के उपयोग का संकल्प लिया। जानें इस समारोह की अन्य महत्वपूर्ण बातें और राजनाथ सिंह का संदेश।
Oct 2, 2025, 18:02 IST
|

भुज सैन्य अड्डे पर शस्त्र पूजा का आयोजन
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को विजयादशमी के अवसर पर भुज सैन्य अड्डे पर शस्त्र पूजा का आयोजन किया। इस समारोह में सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी और दक्षिणी सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल धीरज सेठ भी शामिल हुए। इस अवसर पर ऑपरेशन सिंदूर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली एल-70 एयर डिफेंस तोप को विशेष रूप से रक्षा मंत्री को भेंट किया गया।
एल-70 एयर डिफेंस तोप की प्रभावशीलता
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान, एल-70 एयर डिफेंस तोप ने अद्वितीय प्रभावशीलता दिखाई। यह तोप प्रति मिनट 300 राउंड फायर करने की क्षमता रखती है और 3,500 मीटर की दूरी पर स्थित लक्ष्यों को भेद सकती है, जिसने पाकिस्तानी ड्रोनों को नष्ट करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
राजनाथ सिंह का संदेश
ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर बात करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा, "चाहे वह आतंकवाद हो या अन्य समस्याएं, आज हमारे पास इन्हें निपटाने की क्षमता है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान, पाकिस्तान ने भारत की रक्षा प्रणाली में सेंध लगाने का प्रयास किया, लेकिन भारतीय सशस्त्र बलों ने उनकी वायु रक्षा प्रणाली को पूरी तरह से बेनकाब कर दिया।"
शस्त्र पूजा का महत्व
भुज सैन्य अड्डे पर शस्त्र पूजा के दौरान सैनिकों को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा, "जब हम किसी शस्त्र की पूजा करते हैं, तो हम उस शक्ति का उपयोग धर्म और न्याय की रक्षा के लिए करने का संकल्प लेते हैं। भगवान राम ने भी अपने जीवन में इसी संकल्प का परिचय दिया।"
महाभारत का संदर्भ
राजनाथ सिंह ने महाभारत का उदाहरण देते हुए कहा, "जब यह युद्ध भगवान कृष्ण के मार्गदर्शन में लड़ा गया, तब इसका उद्देश्य केवल पांडवों की विजय नहीं, बल्कि धर्म की स्थापना था। शस्त्र पूजा इस बात का प्रतीक है कि भारत न केवल शस्त्रों की पूजा करता है, बल्कि समय आने पर उनका उपयोग करना भी जानता है।"