रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ सम्मेलन में बजट और विकास पर जोर दिया
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ द्वारा आयोजित सम्मेलन में रक्षा बजट और विकास की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि हमारा रक्षा बजट कई देशों के सकल घरेलू उत्पाद से बड़ा है और इसके प्रभावी उपयोग की आवश्यकता है। राजनाथ ने GeM पोर्टल के माध्यम से पूंजीगत खरीद की अनुमति देने की जानकारी दी और कहा कि दुनिया हमारे स्वदेशी रक्षा उत्पादों की ओर देख रही है। उन्होंने सुरक्षा ढांचे के महत्व और परिवर्तनकारी सुधार के तरीकों पर भी चर्चा की।
Jul 7, 2025, 12:36 IST
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रक्षा बजट और विकास की आवश्यकता
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हाल ही में डीआरडीओ द्वारा आयोजित एक नियंत्रक सम्मेलन में भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने बताया कि यदि हम हमारे रक्षा बजट का विश्लेषण करें, तो यह कई देशों के सकल घरेलू उत्पाद से भी अधिक है। जब लोगों की मेहनत की कमाई का एक बड़ा हिस्सा रक्षा मंत्रालय को आवंटित किया जाता है, तो हमारी जिम्मेदारी कई गुना बढ़ जाती है। हमें प्रभावी विकास की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हमारा रक्षा व्यय ऐसा होना चाहिए कि न केवल बजट में वृद्धि हो, बल्कि हम इसका सही तरीके से उपयोग भी कर सकें - सही समय पर सही उद्देश्य के लिए उचित तैनाती के माध्यम से।
GeM पोर्टल से खरीदारी की अनुमति
रक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि रक्षा अधिग्रहण परिषद ने पहली बार GeM पोर्टल के माध्यम से पूंजीगत खरीद की अनुमति दी है, जो एक सराहनीय कदम है। उन्हें यह भी बताया गया कि विभाग रक्षा कर्मियों के लिए एक व्यापक वेतन प्रणाली और केंद्रीकृत डेटाबेस प्रबंधन पर काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि दुनिया हमारे रक्षा क्षेत्र की ओर देख रही है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हमारे सैनिकों ने जो पराक्रम दिखाया है, उसके साथ ही हमने अपने घरेलू उपकरणों की क्षमता का प्रदर्शन किया है, जिससे हमारे स्वदेशी रक्षा उत्पादों की मांग में वृद्धि हुई है। 2024 में विश्व सैन्य व्यय 2.7 ट्रिलियन डॉलर से अधिक होने की उम्मीद है, जो एक बड़ा बाजार है।
सुरक्षा ढांचे का अहम हिस्सा
राजनाथ सिंह ने कहा कि उनके विभाग की जिम्मेदारी केवल कागजों पर हिसाब-किताब रखने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह देश के सुरक्षा ढांचे का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। जब आप अपना कार्य ईमानदारी और क्षमता के साथ करते हैं, तो इसका प्रभाव सीमा पर तैनात जवानों पर पड़ता है। उन्हें विश्वास होता है कि उनके पीछे एक मजबूत व्यवस्था है, जो हर परिस्थिति में उनका साथ देगी। उन्होंने कहा कि रक्षा लेखा विभाग का नया आदर्श वाक्य 'सतर्क, चुस्त, अनुकूल' है, जो आपके कार्य संस्कृति का सार है।
परिवर्तनकारी सुधार के तरीके
रक्षा मंत्री ने यह भी बताया कि किसी भी संगठन में परिवर्तनकारी सुधार लाने के दो तरीके होते हैं। कई बार संगठन बाहरी रिपोर्ट के माध्यम से इस कार्य को करते हैं, जिसमें परामर्शदाता कंपनियों की मदद भी ली जाती है। कभी-कभी, कुछ सेवानिवृत्त वरिष्ठ अधिकारियों को यह जिम्मेदारी सौंपी जाती है। यह एक सकारात्मक पहल है, जिससे नए विचारों का समावेश होता है और उत्पादकता में वृद्धि होती है।