रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का कच्छ में सांस्कृतिक कार्यक्रम और बहु-एजेंसी अभ्यास

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 1 और 2 अक्टूबर को कच्छ में एक सांस्कृतिक कार्यक्रम और बहु-एजेंसी क्षमता अभ्यास में भाग लेने वाले हैं। इस आयोजन में विभिन्न सैन्य बलों के कर्मी शामिल होंगे। राजनाथ सिंह ने हाल ही में भारतीय सेना के लिए एकीकृत प्रणाली की आवश्यकता पर जोर दिया, जिससे साइबर हमलों और सूचना युद्ध जैसी चुनौतियों का प्रभावी ढंग से सामना किया जा सके। जानें इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम के बारे में और अधिक जानकारी।
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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का कच्छ में सांस्कृतिक कार्यक्रम और बहु-एजेंसी अभ्यास

रक्षा मंत्री का कच्छ दौरा

रक्षा मंत्रालय ने मंगलवार को जानकारी दी कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 1 और 2 अक्टूबर को कच्छ के भुज सैन्य स्टेशन और लक्की नाला सैन्य चौकी में एक सांस्कृतिक कार्यक्रम और बहु-एजेंसी क्षमता अभ्यास में शामिल होंगे। यह अभ्यास दक्षिणी कमान मुख्यालय द्वारा आयोजित किया जा रहा है। इसमें सेना मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारी, दक्षिणी कमान के अधिकारी, वायु सेना, नौसेना, तटरक्षक बल और सीमा सुरक्षा बल के कर्मी भी भाग लेंगे।


 


मंत्रालय ने बताया कि यह कार्यक्रम 1 और 2 अक्टूबर 2025 को आयोजित किया जाएगा, जिसमें भारत के रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह भी उपस्थित रहेंगे। इस बहु-एजेंसी अभ्यास में विभिन्न सैन्य बलों के कर्मियों की भागीदारी सुनिश्चित की गई है।


 


इससे पहले, राजनाथ सिंह ने भारतीय सेना के लिए साइबर हमलों, सूचना युद्ध और अन्य सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने के लिए अधिक एकीकरण और मानकीकृत प्रणाली की आवश्यकता पर जोर दिया। नई दिल्ली में आयोजित त्रि-सेवा संगोष्ठी में उन्होंने कहा कि हमारे सशस्त्र बलों ने वर्षों के अनुभव से ऑडिट प्रणालियाँ विकसित की हैं। आज के एकीकृत अभियानों के युग में, यह आवश्यक है कि ये प्रणालियाँ आपस में निर्बाध रूप से जुड़ी रहें। 


 


उन्होंने कहा कि अलग-थलग रहकर काम करना निर्णय लेने में कठिनाई पैदा कर सकता है। एक एकीकृत प्रणाली सेना के आत्मविश्वास को भी बढ़ाएगी। वर्तमान में, हम साइबर हमलों और सूचना युद्ध के खतरों का सामना कर रहे हैं, और हमें इनके लिए मानक स्थापित करने होंगे। जब हम मानकीकरण की बात करते हैं, तो इसका मतलब यह नहीं है कि सशस्त्र बल अपनी पहचान खो देंगे। हमें एक ऐसी प्रणाली विकसित करनी होगी जो तीनों सेनाओं के कार्यों का समन्वय करे। रक्षा मंत्रालय हर संभव सहायता प्रदान करेगा।