रक्षा मंत्री ने लद्दाख में 125 महत्वपूर्ण अवसंरचना परियोजनाओं का उद्घाटन किया

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लद्दाख में बॉर्डर रोड्स ऑर्गनाइज़ेशन द्वारा निर्मित 125 महत्वपूर्ण अवसंरचना परियोजनाओं का उद्घाटन किया। इनमें सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण श्योक टनल शामिल है, जो भारतीय सेना की त्वरित तैनाती और लॉजिस्टिक सपोर्ट में सुधार करेगी। यह टनल और अन्य परियोजनाएँ न केवल सुरक्षा में वृद्धि करेंगी, बल्कि सीमावर्ती क्षेत्रों में नागरिक जीवन और विकास को भी बढ़ावा देंगी। BRO की योजनाएँ भारत की उत्तरी सीमाओं को मजबूत और आधुनिक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं।
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रक्षा मंत्री ने लद्दाख में 125 महत्वपूर्ण अवसंरचना परियोजनाओं का उद्घाटन किया

लद्दाख में सामरिक अवसंरचना का विकास

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को लद्दाख और अन्य सीमावर्ती क्षेत्रों में बॉर्डर रोड्स ऑर्गनाइज़ेशन (BRO) द्वारा निर्मित 125 महत्वपूर्ण अवसंरचना परियोजनाओं का उद्घाटन किया। इनमें पूर्वी लद्दाख में स्थित सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण श्योक टनल भी शामिल है, जो दुर्बुक–श्योक–दौलत बेग ओल्डी (DS-DBO) रोड पर स्थित है। इसके साथ ही, उन्होंने 2020 में गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ संघर्ष में शहीद हुए भारतीय जवानों को श्रद्धांजलि देने के लिए गलवान वॉर मेमोरियल का वर्चुअल उद्घाटन किया।


श्योक टनल की विशेषताएँ

यह 920 मीटर लंबी कट-एंड-कवर टनल एक ऐसे क्षेत्र में बनाई गई है जहाँ मौसम, भूगोल और ऊँचाई निर्माण को चुनौतीपूर्ण बनाते हैं। भारी बर्फबारी, एवलांच और अत्यधिक तापमान के कारण यह क्षेत्र हर साल लंबे समय तक कट जाता है। इस टनल के निर्माण से LAC के आसपास भारतीय सेना की त्वरित तैनाती और लॉजिस्टिक सपोर्ट में सुधार होगा। अब सेना को एयर मेंटेनेंस पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा, जिससे सर्दियों में भी सैनिकों, ईंधन, हथियार और मशीनरी की आवाजाही सुगम होगी।


BRO की परियोजनाओं का महत्व

रक्षा मंत्री ने इसे दुनिया के सबसे कठिन इलाकों में इंजीनियरिंग की एक मिसाल बताया। उन्होंने कहा कि इससे न केवल सामरिक सुरक्षा में मजबूती आएगी, बल्कि सीमावर्ती क्षेत्रों में नागरिक जीवन और बुनियादी विकास में भी तेजी आएगी। BRO के 125 प्रोजेक्ट में 28 सड़कें, 93 पुल और अन्य चार परियोजनाएँ शामिल हैं, जिनकी कुल लागत 5,000 करोड़ रुपये है। ये परियोजनाएँ दूरदराज़ गांवों और अग्रिम सैन्य चौकियों तक लास्ट माइल कनेक्टिविटी को मजबूत करेंगी।


सुरक्षा अवसंरचना का महत्व

राजनाथ सिंह ने कहा कि हाल ही में हुए ऑपरेशन सिंदूर जैसी सफल सैन्य कार्रवाइयों में मजबूत सीमा अवसंरचना ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। बेहतर कनेक्टिविटी ने समय पर लॉजिस्टिक सपोर्ट को संभव बनाया, जिससे सेना ने मिशन को सफलतापूर्वक पूरा किया। उन्होंने कहा कि सड़कें, टनलें, स्मार्ट फेंसिंग, इंटीग्रेटेड कमांड सेंटर और आधुनिक निगरानी प्रणाली भारत की सुरक्षा का आधार हैं।


BRO की भविष्य की योजनाएँ

इस अवसर पर BRO के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल रघु श्रीनिवासन ने बताया कि BRO अब गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और सड़क परिवहन मंत्रालय जैसी महत्वपूर्ण एजेंसियों की पसंदीदा संस्था बन चुकी है। 2024-25 में BRO ने रिकॉर्ड 16,690 करोड़ का कार्य पूरा किया है और अगले वित्त वर्ष के लिए 18,700 करोड़ का लक्ष्य रखा गया है।


भू-राजनीतिक संदर्भ

भारत की उत्तरी सीमाएँ, विशेषकर पूर्वी लद्दाख, पिछले चार वर्षों से बदलते भू-राजनीतिक समीकरणों का केंद्र रही हैं। 2020 से 2024 तक भारत और चीन के बीच तनाव, सैन्य वार्ताएँ और चरणबद्ध डिसइंगेजमेंट ने यह स्पष्ट कर दिया है कि आधुनिक युद्ध केवल सैनिकों की बहादुरी से नहीं, बल्कि मजबूत अवसंरचना और कनेक्टिविटी से भी लड़ा जाता है। श्योक टनल और अन्य 124 BRO परियोजनाएँ केवल निर्माण कार्य नहीं, बल्कि यह एक रणनीतिक संदेश है कि भारत अपनी सीमाओं पर निर्भीक और तकनीकी रूप से सक्षम खड़ा है।


स्थानीय विकास और सुरक्षा

श्योक टनल सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह ऑल-वेदर कनेक्टिविटी प्रदान करती है। सर्दियों में जब पूरा क्षेत्र बर्फ से ढक जाता है, तब भी सैन्य काफिले निर्बाध रूप से चल सकेंगे। इसके अलावा, यह लॉजिस्टिक लागत को कम करने में मदद करेगी। BRO के नए प्रोजेक्ट केवल सेना के लिए नहीं, बल्कि स्थानीय समुदायों, पर्यटन और आर्थिक गतिविधियों के लिए भी नए अवसर प्रदान करते हैं।