रक्षा अधिग्रहण परिषद की बैठक: भारत की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण निर्णय
26 दिसंबर को रक्षा अधिग्रहण परिषद की बैठक में भारत की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाएंगे। इस बैठक में मिसाइलों की खरीद, इमरजेंसी प्रोक्योरमेंट और अन्य हथियारों पर चर्चा होगी। जानें इस बैठक में क्या-क्या महत्वपूर्ण फैसले हो सकते हैं और कैसे ये निर्णय भारतीय सेना की क्षमता को बढ़ाएंगे।
| Dec 26, 2025, 12:57 IST
सुरक्षा को सुदृढ़ करने के लिए महत्वपूर्ण बैठक
राजनाथ सिंह
भारत की सुरक्षा को और अधिक सशक्त बनाने के उद्देश्य से 26 दिसंबर को रक्षा अधिग्रहण परिषद (DAC) की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की जाएगी। इस बैठक की अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह करेंगे। इसमें तीनों सेनाओं के लिए इमरजेंसी प्रोक्योरमेंट (EP) के तहत बड़े हथियार सौदों पर चर्चा की जाएगी। विशेष रूप से, मिसाइलों की खरीद इस बैठक का मुख्य फोकस होगा।
मिसाइलों पर ध्यान केंद्रित
भारतीय नौसेना ने 700 से अधिक MR-SAM (मीडियम रेंज सरफेस-टू-एयर मिसाइल) की मांग की है।
- ये मिसाइल DRDO और इजराइल के सहयोग से विकसित की गई हैं।
- निर्माण भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (BDL) द्वारा किया जाएगा।
- इनकी रेंज लगभग 70 किलोमीटर है।
- ये दुश्मन के विमानों, मिसाइलों, ड्रोन और हेलिकॉप्टरों को नष्ट करने में सक्षम हैं।
- पिछले एक दशक से ये नौसेना के बड़े युद्धपोतों पर तैनात हैं।
भारतीय वायुसेना 600 से अधिक Astra Mark-2 एयर-टू-एयर मिसाइलें खरीदने की योजना बना रही है।
रेंज लगभग 200 किलोमीटर
- इनसे दुश्मन के विमानों को भारत की सीमा के भीतर से ही निशाना बनाया जा सकता है।
- ऑपरेशन सिंदूर के बाद लंबी दूरी की मिसाइलों की आवश्यकता स्पष्ट हुई है।
- IAF के पास पहले से Astra Mark-1 मौजूद हैं।
- DRDO Astra Mark-3 पर भी कार्य कर रहा है।
SPICE बमों की खरीद की संभावना
- इजराइल में विकसित SPICE प्रिसिजन गाइडेड म्यूनिशन का उपयोग किया जा सकता है।
- 2019 के बालाकोट एयर स्ट्राइक में इनका प्रयोग हुआ था।
- ये सटीक और मजबूत ठिकानों को नष्ट करने में सक्षम हैं।
- IAF लगभग 300 SPICE सिस्टम खरीदने की योजना बना रहा है।
सेना के लिए नए रडार की आवश्यकता
- भारतीय सेना को लो-लेवल और हल्के रडार की आवश्यकता है।
- BEL द्वारा विकसित 3D असलेशा और 2D भाराणी रडार की मांग की गई है।
- ये आकाशीर कमांड और रिपोर्टिंग सिस्टम का हिस्सा होंगे।
- ऑपरेशन सिंदूर के दौरान इस सिस्टम का प्रदर्शन प्रभावी रहा था।
इमरजेंसी प्रोक्योरमेंट (EP) क्या है?
- EP के तहत हथियारों की त्वरित खरीद की जाती है।
- सीमित संख्या में लेकिन जल्दी डिलीवरी होती है।
- बजट लगभग 300 करोड़ रुपये है।
- मिसाइल, गोला-बारूद, छोटे हथियार और एंटी-टैंक सिस्टम खरीदे जाते हैं।
DAC में शामिल होने वाले सदस्य
- रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह
- रक्षा राज्य मंत्री
- CDS
- थलसेना, नौसेना और वायुसेना के प्रमुख
- रक्षा सचिव और DRDO प्रमुख
आज की DAC बैठक भारत की सैन्य क्षमता को बढ़ाने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जा रही है। बड़े मिसाइल निर्णयों से तीनों सेनाओं की मारक क्षमता में वृद्धि हो सकती है।
