योगी आदित्यनाथ ने कोडीन कफ सिरप मामले में समाजवादी पार्टी पर उठाए सवाल

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोडीन कफ सिरप मामले में समाजवादी पार्टी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि प्रारंभिक जांच से पता चला है कि गिरफ्तार आरोपियों का सपा से संबंध है। योगी ने यह भी बताया कि राज्य स्तरीय विशेष जांच दल इस मामले की जांच कर रहा है, जिसमें पुलिस और खाद्य सुरक्षा प्रशासन के अधिकारी शामिल हैं। उन्होंने अखिलेश यादव पर कटाक्ष करते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी की संलिप्तता जल्द ही उजागर होगी।
 | 
योगी आदित्यनाथ ने कोडीन कफ सिरप मामले में समाजवादी पार्टी पर उठाए सवाल

मुख्यमंत्री का समाजवादी पार्टी पर आरोप

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को कोडीन कफ सिरप से जुड़े मामले में समाजवादी पार्टी पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि प्रारंभिक जांच से यह स्पष्ट हुआ है कि एसटीएफ और उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा पकड़े गए संदिग्धों का समाजवादी पार्टी से संबंध है। योगी ने यह भी कहा कि जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी, समाजवादी पार्टी की संलिप्तता और अधिक उजागर होगी।


मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य स्तरीय विशेष जांच दल (एसआईटी) इस मामले की गहन जांच कर रहा है, जिसमें उत्तर प्रदेश पुलिस और खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) के अधिकारी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि जांच के परिणाम से यह स्पष्ट होगा कि इस घोटाले में किसने धन लिया और इसके सभी पहलू सामने आएंगे।


अखिलेश यादव पर कटाक्ष

योगी आदित्यनाथ ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर कटाक्ष करते हुए कहा, "यही कसूर मैं बार-बार करता रहा, धूल चेहरे पर थी और आईना साफ करता रहा।" प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने बताया कि जहरीली कफ सिरप की बिक्री की शिकायतों के बाद कई लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य में सिरप की तस्करी की सूचना मिली थी, जिसे प्रभावी रूप से रोका गया है।


जांच की प्रगति

विधानसभा के शीतकालीन सत्र से पहले पत्रकारों से बातचीत में योगी ने कहा कि हमारी जांच जारी है और अब तक पकड़े गए लोगों के समाजवादी पार्टी से संबंध हैं। उन्होंने कहा, "जांच होने दीजिए, दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।" योगी ने यह भी कहा कि समाजवादी पार्टी पहले से ही विवादों में रही है और इस मामले में उसकी संलिप्तता स्पष्ट होगी।


मुख्यमंत्री ने कहा, "इस मामले की जांच के लिए एक राज्य स्तरीय विशेष जांच टीम (एसआईटी) काम कर रही है, जिसमें उत्तर प्रदेश पुलिस और एफएसडीए से जुड़े अधिकारी शामिल हैं। जांच में यह भी सामने आएगा कि अवैध कारोबार का पैसा किन-किन लोगों तक पहुंचा है।"