योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश की विकास यात्रा पर प्रकाश डाला

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में एक कार्यक्रम में राज्य की विकास यात्रा पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश कभी 'बीमारू' राज्य नहीं था, बल्कि भ्रष्टाचार और वंशवाद के कारण इसका विकास रुक गया। योगी ने पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया की सराहना की और कहा कि अब दूरदराज के युवाओं को अवसर मिल रहे हैं। उन्होंने नियुक्त व्यक्तियों से ईमानदारी से सेवा करने की अपील की और शिक्षा नीति में सुधार के बारे में भी चर्चा की।
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योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश की विकास यात्रा पर प्रकाश डाला

मुख्यमंत्री का संबोधन

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को एक कार्यक्रम में कहा कि उत्तर प्रदेश कभी 'बीमारू' राज्य नहीं था। उन्होंने बताया कि भ्रष्ट राजनीतिक दलों, वंशवाद और पक्षपाती नियुक्तियों के कारण राज्य का विकास रुक गया। यह बयान उन्होंने लोक भवन सभागार में दिया, जहाँ यूपीएसएसएससी की पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया के तहत 2,425 महिला पर्यवेक्षकों और 13 फार्मासिस्टों को नियुक्ति पत्र वितरित किए गए।


राज्य की आर्थिक स्थिति

योगी ने कहा कि 1947 से 1960 के बीच, उत्तर प्रदेश देश के प्रमुख राज्यों में से एक था, जो राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद में 14 प्रतिशत से अधिक का योगदान देता था। उन्होंने बताया कि 1960 के बाद से यह गिरावट शुरू हुई और 1990 के बाद यह और तेज हो गई। 2017 तक, राज्य का योगदान 8 प्रतिशत से भी कम रह गया। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य में भ्रष्टाचार और दंगों के कारण युवाओं को पलायन करना पड़ा और पहचान की समस्या का सामना करना पड़ा।


पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया

योगी ने सरकार की पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया पर जोर देते हुए कहा कि अब दूरदराज और आदिवासी क्षेत्रों के योग्य युवाओं को अवसर मिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि हर युवा के पास सपने होते हैं, और जब वे भेदभाव का शिकार होते हैं, तो यह देश के लिए हानिकारक है। आज की नियुक्तियाँ यह साबित करती हैं कि प्रतिभा हर जगह है, बस उसे अवसर की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने नवनियुक्त महिला पर्यवेक्षकों और फार्मासिस्टों को बधाई दी और उनके योगदान को महत्वपूर्ण बताया।


सेवा का आग्रह

उन्होंने नियुक्त व्यक्तियों से ईमानदारी और निष्पक्षता से सेवा करने की अपील की और उनकी भूमिका की तुलना 'भगवान कृष्ण की पालन-पोषण करने वाली माता यशोदा' से की। स्कूलों के विलय पर विपक्ष की आलोचना का जवाब देते हुए, योगी ने कहा कि जीर्ण-शीर्ण स्कूलों का स्थानांतरण और छात्र-शिक्षक अनुपात में सुधार राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप है। उन्होंने कहा कि खाली पड़े स्कूलों में बाल वाटिका और प्री-प्राइमरी कक्षाएँ शुरू की जाएँगी, जिससे बच्चों के लिए सुरक्षित और आधुनिक सुविधाएँ सुनिश्चित होंगी।