योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में राम मंदिर के ध्वजारोहण को बताया नए युग की शुरुआत

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में राम मंदिर के ध्वजारोहण को एक नए युग की शुरुआत के रूप में देखा। उन्होंने इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी और अन्य गणमान्य व्यक्तियों का धन्यवाद किया। आदित्यनाथ ने मंदिर को 140 करोड़ भारतीयों की आस्था का प्रतीक बताया और इसके निर्माण में योगदान देने वालों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह दिन उन संतों और राम भक्तों की भक्ति को समर्पित है, जिन्होंने इस आंदोलन में अपना जीवन समर्पित किया।
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योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में राम मंदिर के ध्वजारोहण को बताया नए युग की शुरुआत

राम मंदिर के ध्वजारोहण का ऐतिहासिक क्षण

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को अयोध्या में राम मंदिर के शिखर पर ध्वजारोहण को “एक नए युग की शुरुआत” के रूप में वर्णित किया। इस अवसर पर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत और उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल का आभार व्यक्त किया।


आदित्यनाथ ने उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि भगवान राम का भव्य मंदिर 140 करोड़ भारतीयों की “आस्था, सम्मान और आत्म-गौरव” का प्रतीक है। उन्होंने इस निर्माण में योगदान देने वाले सभी “कर्मयोगियों” के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त की।


उन्होंने कहा कि यह दिन उन संतों, योद्धाओं और राम भक्तों की “अटूट भक्ति” को समर्पित है, जिन्होंने इस आंदोलन और लंबे संघर्ष में अपने जीवन को समर्पित किया, जिसके परिणामस्वरूप मंदिर का निर्माण हुआ। आदित्यनाथ ने यह भी कहा कि जब 2014 में मोदी ने प्रधानमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला, तब लाखों लोगों के दिलों में “संकल्प और विश्वास का सूरज” जगमगाया।


उन्होंने आगे कहा, “आज, वह संकल्प इस भव्य राम मंदिर के रूप में सभी भारतीयों और भक्तों के सामने पूरा हुआ है।” आदित्यनाथ ने कहा कि राम मंदिर के ऊपर फहरा रहा ध्वज सच्चाई, न्याय, गरिमा और राष्ट्रीय धर्म का प्रतीक है।


आदित्यनाथ ने कहा, “यह एक विकसित भारत के दृष्टिकोण को भी दर्शाता है, क्योंकि संकल्प का कोई विकल्प नहीं है, और पिछले 11 वर्षों में हम सभी ने एक बदलते भारत को देखा है। हम एक ऐसा भारत देख रहे हैं जहां विरासत और विकास एक साथ मौजूद हैं, जो देश को नई ऊंचाइयों पर ले जा रहे हैं।”


राम मंदिर आंदोलन का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि अटूट विश्वास बना रहा, और जब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नेतृत्व में संघर्ष शुरू हुआ, तो पूरे आंदोलन में एक ही संकल्प गूंजा: “रामलला हम आएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे… लाठी-गोली खाएंगे, पर मंदिर वहीं बनाएंगे।” आदित्यनाथ ने कहा कि एक समय था जब अयोध्या को नजरअंदाज किया जाता था और यहां अव्यवस्था थी, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में, यह अब “वैश्विक आध्यात्मिक राजधानी” में बदल गया है।