योगी आदित्यनाथ की सख्त नीतियों से उत्तर प्रदेश में अपराध पर नियंत्रण

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रभावी रणनीतियाँ
जब उत्तर प्रदेश की राजनीति और प्रशासन की बात होती है, तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का नाम प्रमुखता से लिया जाता है। इसका कारण यह है कि उन्होंने सत्ता में आने के बाद अपराध और अपराधियों के खिलाफ जो ठोस कदम उठाए हैं, उससे प्रदेश की स्थिति में सुधार हुआ है। उनका यह कथन कि "एक बार मैं कमिटमेंट कर देता हूं तो फिर पीछे नहीं हटता" अब सच साबित हो चुका है।
दिशा पाटनी के घर के बाहर फायरिंग की घटना
हाल ही में बॉलीवुड अभिनेत्री दिशा पाटनी के निवास के बाहर हुई फायरिंग ने हड़कंप मचा दिया था। प्रारंभिक जांच में यह पता चला कि इस घटना में बिश्नोई, गोल्डी बरार और रोहित गोदारा गिरोह के शूटर शामिल थे। मुख्यमंत्री के निर्देश पर उत्तर प्रदेश पुलिस ने 24 घंटे के भीतर कार्रवाई करते हुए गाजियाबाद के ट्रॉनिका सिटी में मुठभेड़ के दौरान अपराधियों को ढेर कर दिया। दिशा पाटनी के पिता, जो एक सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी हैं, ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि योगी सरकार अपराधमुक्त समाज के लक्ष्य को साकार कर रही है।
गोरखपुर में नीट छात्र की हत्या
गोरखपुर में नीट की तैयारी कर रहे छात्र दीपक गुप्ता की हत्या कथित मवेशी तस्करों द्वारा की गई। यह घटना न केवल अमानवीय थी, बल्कि ग्रामीण समाज को झकझोर देने वाली भी थी। घटना के अगले दिन पुलिस ने मुठभेड़ में मुख्य आरोपी रहीम को गिरफ्तार किया और अन्य आरोपियों को हिरासत में लिया। मुख्यमंत्री के निर्देश पर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की और क्षेत्र में भारी पुलिस बल की तैनाती की, जिससे जनता में विश्वास बढ़ा।
योगी आदित्यनाथ की उपलब्धियाँ
योगी आदित्यनाथ के कार्यकाल की सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि उन्होंने यूपी के पुराने माफिया सरगनाओं जैसे मुख्तार अंसारी और अतीक अहमद को कानून के दायरे में लाकर उनकी जड़ें खोदीं। बाहरी राज्यों के अपराधी नेटवर्क को भी प्रदेश में पैर जमाने से रोका गया है। बिश्नोई, गोल्डी बरार और गोदारा जैसे गैंग उत्तर प्रदेश में अपनी गतिविधियाँ नहीं फैला सके। पुलिस और एसटीएफ की सतर्कता और त्वरित कार्रवाई ने यह संभव किया।
निवेशकों का बढ़ता विश्वास
आज उत्तर प्रदेश में स्थिति यह है कि अपराधी या तो जेल में हैं या मुठभेड़ में मारे जा चुके हैं। आम नागरिकों में विश्वास और सुरक्षा की भावना बढ़ी है, जिससे निवेशक भी अब प्रदेश में निवेश करने से नहीं हिचकिचाते। उन्हें पता है कि कानून-व्यवस्था पर सरकार की पकड़ मजबूत है।
मुठभेड़ पर सवाल
एक लोकतांत्रिक व्यवस्था में यह सवाल उठता है कि क्या मुठभेड़ न्याय का सही तरीका है। लेकिन उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की नीति अपराधियों को खुला छोड़ने की नहीं, बल्कि उन्हें कानून के शिकंजे में कसने की रही है। यदि अपराधी आत्मसमर्पण करते हैं, तो उन्हें न्यायालय का सामना करना पड़ता है। लेकिन गोली चलाने वाले अपराधियों को उसी भाषा में जवाब देना भी कानून-व्यवस्था बनाए रखने का हिस्सा है।
उत्तर प्रदेश की नई पहचान
एक समय था जब उत्तर प्रदेश का नाम सुनते ही लोगों के मन में भय और असुरक्षा की छवि उभरती थी। माफियाओं का बोलबाला और बेखौफ अपराध यूपी की पहचान बन चुके थे। लेकिन योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश ने अभूतपूर्व परिवर्तन देखा है। सरकार ने न केवल अपराधियों पर सख्त कार्रवाई की, बल्कि माफिया द्वारा कब्जाई गई जमीनें भी मुक्त कराईं।
बुलडोज़र कार्रवाई का प्रभाव
बुलडोज़र कार्रवाई ने अपराधियों और अतिक्रमणकारियों को स्पष्ट संदेश दिया है कि उत्तर प्रदेश अब अपराधियों का स्वर्ग नहीं, बल्कि कानून का राज्य है। माफियाओं की आलीशान हवेलियों और अवैध निर्माणों को ध्वस्त कर सरकार ने यह साबित किया है कि अवैध कब्जा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
योगी आदित्यनाथ की शासन शैली
योगी आदित्यनाथ ने यह सिद्ध कर दिया है कि जब राजनीतिक इच्छाशक्ति मजबूत हो और प्रशासनिक मशीनरी पूरी ताकत से काम करे, तो किसी भी राज्य को माफिया मुक्त और सुरक्षित बनाया जा सकता है। उत्तर प्रदेश की नई पहचान अब अपराध मुक्त समाज की ओर बढ़ते प्रदेश के रूप में स्थापित हो चुकी है।