योगी आदित्यनाथ की बैठक में लोक निर्माण योजनाओं की समीक्षा

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक उच्चस्तरीय बैठक में लोक निर्माण विभाग की प्रमुख योजनाओं की समीक्षा की। उन्होंने सभी 75 जिलों से प्रस्ताव प्राप्त करने की आवश्यकता पर जोर दिया और विकास कार्यों में स्थानीय आवश्यकताओं को प्राथमिकता देने की बात कही। बैठक में जनभागीदारी को बढ़ावा देने के लिए स्थानीय जनप्रतिनिधियों की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया गया। इसके अलावा, धार्मिक स्थलों के विकास और सड़क सुरक्षा पर भी चर्चा की गई। मुख्यमंत्री ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लिए विशेष रणनीतियों की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
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योगी आदित्यनाथ की बैठक में लोक निर्माण योजनाओं की समीक्षा

मुख्यमंत्री की उच्चस्तरीय बैठक

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बृहस्पतिवार को लोक निर्माण विभाग की प्रमुख योजनाओं के कार्यान्वयन और भविष्य की रणनीतियों पर एक महत्वपूर्ण बैठक की।


डिजिटल माध्यम से शामिल हुए अधिकारी

इस बैठक में विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ सभी जिलों के जिलाधिकारी, विभिन्न विधानसभाओं के प्रतिनिधि और संबंधित विभागीय अधिकारी भी डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से जुड़े।


मुख्यमंत्री के निर्देश

राज्य सरकार की प्रवक्ता के अनुसार, मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि लोक निर्माण विभाग की 18 प्रमुख योजनाओं के तहत सभी 75 जिलों से 30 जून तक प्रस्ताव अनिवार्य रूप से प्राप्त किए जाएं।


स्थानीय आवश्यकताओं पर जोर

आदित्यनाथ ने कहा कि विकास का लाभ राजनीतिक क्षेत्रफल के बजाय स्थानीय आवश्यकताओं के आधार पर सुनिश्चित किया जाना चाहिए। उन्होंने समावेशी विकास की अवधारणा को ध्यान में रखते हुए कहा कि सभी 403 विधानसभा क्षेत्रों को कम से कम दो से तीन योजनाओं का प्रत्यक्ष लाभ मिलना चाहिए।


जनभागीदारी को बढ़ावा

मुख्यमंत्री ने विकास कार्यों के भूमि पूजन या शिलान्यास को स्थानीय जनप्रतिनिधियों के माध्यम से कराने का निर्देश दिया, ताकि विकास में जनभागीदारी की भावना को सशक्त किया जा सके।


धार्मिक स्थलों का चयन

आदित्यनाथ ने हर वर्ष प्रदेश के 50 प्रमुख धार्मिक स्थलों का चयन उनकी ऐतिहासिकता, महत्व और श्रद्धालुओं की संख्या के आधार पर करने की बात कही और इन स्थलों को जोड़ने वाले मार्गों के निर्माण को प्राथमिकता देने का निर्देश दिया।


सड़क सुरक्षा पर ध्यान

मुख्यमंत्री ने सड़कों की गुणवत्ता, मरम्मत और सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता पर जोर दिया, यह कहते हुए कि प्रदेश के किसी भी मार्ग पर गड्ढे नहीं होने चाहिए।


बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लिए रणनीति

उन्होंने बाढ़ और अतिवृष्टि से प्रभावित क्षेत्रों के लिए विशेष रणनीति अपनाने की आवश्यकता को रेखांकित किया, यह कहते हुए कि जलभराव के कारण लघु सेतु और सड़कें अक्सर क्षतिग्रस्त होती हैं। इसलिए, पूर्वानुमान के आधार पर पहले से ही प्रस्ताव तैयार कर भेजे जाने चाहिए, ताकि बारिश कम होते ही कार्य शुरू किया जा सके।