योगी आदित्यनाथ का बड़ा बयान: आरएसएस की फंडिंग पर उठे सवालों का जवाब
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बयान
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को लखनऊ के जनेश्वर मिश्र पार्क में दिव्य गीता प्रेरणा उत्सव के दौरान आरएसएस के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी साझा की। उन्होंने कहा कि लोग अक्सर पूछते हैं कि आरएसएस को फंडिंग कहां से मिलती है। यह एक बड़ा संगठन है, और इसके संचालन के लिए धन का स्रोत क्या है। उन्होंने स्पष्ट किया कि आरएसएस समाज के सहयोग से कार्य करता है।
योगी ने बताया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को किसी देश या संगठन से कोई वित्तीय सहायता नहीं मिलती। लोग स्वेच्छा से संघ से जुड़ते हैं और देशहित में योगदान करते हैं। उन्होंने कहा कि संघ ने पिछले 100 वर्षों में कभी भी कोई सौदेबाजी नहीं की, जबकि कुछ लोग सेवा को सौदेबाजी का माध्यम बनाते हैं। आरएसएस हमेशा राष्ट्र की भलाई के लिए काम करता रहा है।
धर्म का महत्व और गीता का संदेश
सीएम योगी ने कहा कि श्रीमद्भागवत गीता के 18 अध्यायों में 700 श्लोक हैं, जो सनातन धर्म के अनुयायियों के लिए जीवन का मार्गदर्शन करते हैं। उन्होंने धर्म को केवल उपासना तक सीमित नहीं रखा, बल्कि इसे जीवन जीने की कला बताया। गीता हमें सिखाती है कि हमें अपनी श्रेष्ठता का प्रदर्शन नहीं करना चाहिए। भारत ने 'जीयो और जीने दो' की अवधारणा को विश्व को दिया है।
#WATCH लखनऊ (यूपी): यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने जनेश्वर मिश्रा पार्क में दिव्य गीता प्रेरणा उत्सव में हिस्सा लिया।
उन्होंने कहा, “दिव्य गीता प्रेरणा उत्सव की जब हम बात करते हैं तो श्रीमद् भागवत गीता के 700 श्लोक जिन्हें हर भारत का सनातन pic.twitter.com/iSjNh8bVFY
— News Media (@AHindinews) November 23, 2025
गीता का ज्ञान और स्मार्ट सिटी का संबंध
सीएम योगी ने कहा कि सनातन धर्म हमें यह सिखाता है कि अच्छे कर्म का फल अच्छा होता है और बुरे कर्म का फल बुरा। गीता का संदेश यह है कि हमें फल की इच्छा से परे निष्काम कर्म करना चाहिए। उन्होंने स्मार्ट सिटी के महत्व पर भी चर्चा की, यह कहते हुए कि स्मार्ट सिटी का कोई अर्थ नहीं है यदि स्मार्ट नागरिक नहीं हैं। गीता का ज्ञान लोगों को स्मार्ट बनाने में सहायक होगा।
गीता का संदेश समाज में फैलाना
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनका लक्ष्य गीता के संदेश को हर घर और हर व्यक्ति तक पहुंचाना है। उन्होंने यह भी कहा कि 140 करोड़ लोगों के लिए गीता का ज्ञान आवश्यक है। शिक्षा के क्षेत्र में भी गीता को शामिल किया जाना चाहिए, ताकि बच्चों को प्रारंभ से ही गीता के संस्कार मिल सकें। कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत भी उपस्थित रहे।
