यूरोपीय संघ ने भारत के आत्मरक्षा अधिकार को मान्यता दी

यूरोपीय संघ ने भारत के आत्मरक्षा अधिकार को मान्यता दी है, खासकर ऑपरेशन सिंदूर पहलगाम के संदर्भ में। राजदूत हर्वे डेल्फिन ने भारत और पाकिस्तान के बीच संवाद को प्रोत्साहित करने की बात की है। उन्होंने आतंकवाद के मुद्दे पर गंभीरता से ध्यान देने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। यूरोपीय संघ की नौसेना और भारतीय नौसेना के बीच संयुक्त अभ्यास भी होने वाला है। इस लेख में इन महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की गई है।
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यूरोपीय संघ ने भारत के आत्मरक्षा अधिकार को मान्यता दी

यूरोपीय संघ का भारत के प्रति समर्थन

यूरोपीय संघ ने भारत के आत्मरक्षा और अपने नागरिकों की सुरक्षा के अधिकार को मान्यता दी है। यह बयान ऑपरेशन सिंदूर पहलगाम के आतंकवादी हमले के संदर्भ में दिया गया। भारत में यूरोपीय संघ के राजदूत हर्वे डेल्फिन ने यह जानकारी बृहस्पतिवार को साझा की।


डेल्फिन ने यह भी कहा कि यूरोपीय संघ भारत और पाकिस्तान के बीच संवाद को प्रोत्साहित करता है, ताकि दोनों देशों के लिए स्थिरता के उपाय खोजे जा सकें।


उन्होंने कहा, 'ऑपरेशन सिंदूर पहलगाम में पर्यटकों की हत्या जैसी घटनाओं के प्रति भारत की प्रतिक्रिया है। यूरोपीय संघ ने इस तरह के बर्बर कृत्यों की कड़ी निंदा की है। हम भारत के आत्मरक्षा के अधिकार को मान्यता देते हैं, ताकि नागरिकों को ऐसे बर्बर कृत्यों से सुरक्षित रखा जा सके।'


राजदूत ने आतंकवाद के मुद्दे पर गंभीरता से ध्यान देने की आवश्यकता पर जोर दिया। वह यूरोपीय संघ नौसेना बल (ईयूएनएवीएफओआर) के दो युद्धपोतों - इतालवी जहाज एंतोनियो मार्सेग्लिया और स्पेनिश जहाज रीना सोफिया - के आगमन के संदर्भ में संवाददाताओं से बात कर रहे थे।


यूरोपीय संघ की नौसेना और भारतीय नौसेना एक से तीन जून तक हिंद महासागर में संयुक्त अभ्यास करने वाली हैं।