यूरिक एसिड के लक्षण और नियंत्रण के उपाय

यूरिक एसिड एक महत्वपूर्ण रासायनिक यौगिक है जो शरीर में विभिन्न कारणों से बढ़ सकता है। इसके बढ़ने पर कई लक्षण जैसे जोड़ों में दर्द, सूजन और किडनी स्टोन जैसी समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं। इस लेख में, हम यूरिक एसिड के लक्षणों, इसके बढ़ने के कारणों और इसे नियंत्रित करने के उपायों पर चर्चा करेंगे। जानें कैसे आप अपने स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं और गंभीर समस्याओं से बच सकते हैं।
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यूरिक एसिड के लक्षण और नियंत्रण के उपाय

यूरिक एसिड: एक महत्वपूर्ण स्वास्थ्य संकेत

यूरिक एसिड के लक्षण और नियंत्रण के उपाय

यूरिक एसिड के लक्षण Image Credit source: Getty Images

यूरिक एसिड: यह एक रासायनिक यौगिक है जो हमारे शरीर में भोजन और कोशिकाओं के टूटने से उत्पन्न होता है। यह रक्त में घुलकर किडनी के माध्यम से पेशाब के जरिए बाहर निकलता है। जब शरीर में इसकी मात्रा अत्यधिक बढ़ जाती है या किडनी इसे सही तरीके से बाहर नहीं निकाल पाती, तो इसका स्तर असामान्य रूप से बढ़ जाता है। प्रोटीन युक्त आहार, शराब का सेवन, मोटापा, खराब जीवनशैली और पानी की कमी इसके बढ़ने के मुख्य कारण हैं। कुछ बीमारियाँ और दवाएँ भी इसके स्तर को प्रभावित कर सकती हैं। उच्च यूरिक एसिड सूजन और दर्द का कारण बन सकता है।

उच्च यूरिक एसिड का सबसे सामान्य परिणाम गाउट है, जिसमें जोड़ों में तीव्र दर्द और सूजन होती है। यह किडनी स्टोन का कारण भी बन सकता है, जिससे पेशाब में कठिनाई, दर्द और संक्रमण हो सकता है। लंबे समय तक उच्च स्तर रहने पर हृदय रोग, उच्च रक्तचाप और किडनी की गंभीर समस्याएँ भी हो सकती हैं। यह शरीर में सूजन और ऑक्सीडेटिव तनाव को बढ़ाता है, जिससे हड्डियों और मांसपेशियों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। अक्सर लोग प्रारंभिक लक्षणों को नजरअंदाज कर देते हैं, जिससे स्थिति गंभीर हो जाती है।

यूरिक एसिड बढ़ने के लक्षण

आरएमएल हॉस्पिटल के डॉ. सुभाष गिरी के अनुसार, यूरिक एसिड के बढ़ने के प्रारंभिक लक्षण अक्सर हल्के होते हैं और इन्हें सामान्य थकान या जोड़ों के दर्द के रूप में समझा जाता है। आम लक्षणों में जोड़ों में अचानक दर्द और सूजन होती है, विशेषकर अंगूठे, घुटने और टखनों में। इसके साथ लालिमा, गर्माहट और जोड़ों में अकड़न भी महसूस हो सकती है।

गंभीर मामलों में गाउट का दौरा तेज और अचानक दर्द के साथ आता है, जो रात के समय बढ़ता है। कुछ व्यक्तियों को किडनी स्टोन, पेशाब में जलन या बार-बार पेशाब आने की समस्या भी होती है। इसके अलावा, थकान, मांसपेशियों में कमजोरी और कभी-कभी बुखार जैसा अनुभव भी हो सकता है। यदि ये लक्षण लगातार बने रहें, तो डॉक्टर से समय पर जांच और उपचार आवश्यक है, क्योंकि अनदेखी करने पर यह गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है।

यूरिक एसिड को नियंत्रित करने के उपाय

प्रोटीन और उच्च-प्यूरिन युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन कम करें।

दिन में कम से कम 7 से 8 गिलास पानी पिएं।

शुगर युक्त पेय और शराब से बचें।

नियमित रूप से हल्की एक्सरसाइज या टहलें।

मोटापा कम करने के लिए संतुलित आहार अपनाएं।

डॉक्टर की सलाह पर दवाएँ और सप्लीमेंट लें।

तनाव कम करने के लिए योग और ध्यान करें।