यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा के बाद तुरंत जारी होगी आंसर-की

यूपीएससी ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है, जिसके तहत सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा के तुरंत बाद प्रोविजनल आंसर-की जारी की जाएगी। यह कदम अभ्यर्थियों को परीक्षा में हुई गलतियों को चुनौती देने का अवसर प्रदान करेगा। आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामे के माध्यम से यह जानकारी साझा की है, जिसमें कहा गया है कि आंसर-की पर आपत्ति दर्ज करने के लिए अभ्यर्थियों को तीन आधिकारिक स्रोत प्रदान करने होंगे। जानें इस प्रक्रिया के बारे में अधिक जानकारी और इसके प्रभाव को इस लेख में।
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यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा के बाद तुरंत जारी होगी आंसर-की

यूपीएससी CSE प्रारंभिक परीक्षा आंसर-की का नया निर्णय

यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा के बाद तुरंत जारी होगी आंसर-की

आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामे दायर कर यह जानकारी दी.Image Credit source: freepik

यूपीएससी CSE प्रारंभिक परीक्षा आंसर-की: सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण सूचना है। यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) अब सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा के तुरंत बाद प्रोविजनल आंसर-की जारी करेगा। अभ्यर्थियों को आंसर-की पर आपत्ति दर्ज कराने के लिए समय दिया जाएगा, जिसमें उन्हें संबंधित प्रश्न के लिए कम से कम तीन आधिकारिक स्रोत प्रदान करने होंगे। यह जानकारी आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में दायर एक हलफनामे में दी है।

सुप्रीम कोर्ट की एक पीठ के समक्ष न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा के नेतृत्व में आयोग ने बताया कि यह निर्णय व्यापक विचार-विमर्श और पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए लिया गया है। यूपीएससी ने कहा कि प्रोविजनल आंसर-की पर प्राप्त आपत्तियों का निपटारा करने के बाद फाइनल आंसर-की तैयार की जाएगी, और प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम फाइनल आंसर-की के आधार पर घोषित किए जाएंगे।

प्रारंभिक परीक्षा में कितने अभ्यर्थी शामिल होते हैं?

हर साल यूपीएससी सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा में लगभग 5 लाख अभ्यर्थी भाग लेते हैं, जबकि मुख्य परीक्षा में यह संख्या 12 से 15 हजार के बीच होती है। अभ्यर्थियों की शिकायत थी कि प्रारंभिक परीक्षा में हुई गलतियों को चुनौती देने का कोई तरीका नहीं था। पहले आंसर-की परीक्षा परिणाम के बाद जारी की जाती थी, लेकिन अब इसे परिणाम से पहले जारी किया जाएगा।

हलफनामे में कहा गया है कि यूपीएससी का यह निर्णय याचिका में उठाए गए मुद्दों का प्रभावी समाधान है। आयोग ने अदालत के समक्ष निर्णय लेने को उचित माना है और नए फैसले के प्रकाश में याचिकाओं के निपटारे की मांग की है, जिसमें निष्पक्षता, पारदर्शिता और व्यावहारिकता का संतुलन स्थापित किया गया है।

याचिकाओं की संख्या

सिविल सेवा के उम्मीदवारों द्वारा अधिवक्ता राजीव कुमार दुबे के नेतृत्व में दायर याचिकाओं ने इस बात पर जोर दिया कि लगभग सभी राज्य लोक सेवा आयोग और आईआईटी, आईआईएम जैसे संस्थान प्रवेश परीक्षा के तुरंत बाद आंसर-की जारी करते हैं। यूपीएससी को भी इसी तरह का कदम उठाना चाहिए।

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