यूपी विधानसभा में वंदेमातरम् पर सियासी चर्चा: केशव मौर्य और शिवपाल यादव का बयान

यूपी विधानसभा के शीतकालीन सत्र में वंदेमातरम् पर उपमुख्यमंत्री केशव मौर्य और समाजवादी पार्टी के नेता शिवपाल यादव के बीच दिलचस्प सियासी चर्चा हुई। मौर्य ने इसे आजादी के आंदोलन का महत्वपूर्ण मंत्र बताया, जबकि शिवपाल ने इसे स्वतंत्रता का जयघोष कहा। जानें इस चर्चा के पीछे की सियासी बारीकियों और दोनों नेताओं के विचारों को।
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लखनऊ में सियासी संयोग

यूपी विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन, सदन के बाहर एक दिलचस्प राजनीतिक घटना देखने को मिली। कार्यवाही शुरू होने से पहले, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और समाजवादी पार्टी के नेता शिवपाल यादव एक ही लिफ्ट में साथ नजर आए, जिसका वीडियो अब चर्चा का विषय बन गया है। इससे पहले, डिप्टी सीएम मौर्य ने विधानसभा में वंदेमातरम् पर विशेष चर्चा के दौरान कहा कि हम एक भारत श्रेष्ठ भारत की भावना से कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वंदेमातरम् आजादी के आंदोलन का एक महत्वपूर्ण मंत्र है।


वंदेमातरम् का महत्व

उपमुख्यमंत्री मौर्य ने विधानसभा में कहा कि वह उन महान क्रांतिकारियों को नमन करते हैं, जिन्होंने स्वतंत्रता के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। उन्होंने कहा कि वंदेमातरम् केवल एक गीत नहीं है, बल्कि यह भारत की शास्वत चेतना का प्रतीक है। यह विकसित भारत और विकसित उत्तर प्रदेश का मंत्र है। मौर्य ने यह भी कहा कि वंदेमातरम् का अर्थ है, भारत माता की जय।


शिवपाल यादव का दृष्टिकोण

सपा के वरिष्ठ विधायक शिवपाल यादव ने विधानसभा में वंदेमातरम् को लेकर अपने विचार साझा किए। उन्होंने इसे केवल एक गीत नहीं, बल्कि स्वतंत्रता का जयघोष बताया। शिवपाल ने कहा कि बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय ने इसे अपने उपन्यास आनंद मठ में शामिल किया था, और यह गीत उस समय विद्रोह का प्रतीक बना। उन्होंने कहा कि वंदेमातरम् में पूरे देश की आत्मा निहित है और इसे समग्र रूप से समझा जाना चाहिए।


विभाजनकारी बयानों पर आपत्ति

शिवपाल यादव ने सदन में विभाजनकारी बयानों पर आपत्ति जताते हुए कहा कि जब तक विधानसभा में इस तरह की बातें होंगी, वह उनका विरोध करते रहेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि यदि कोई वंदेमातरम् को सच में मानता है, तो उसे समाज में समान व्यवहार अपनाना चाहिए।