यूपी में शिक्षकों के लिए संपत्ति ब्योरा अनिवार्य, वेतन पर पड़ेगा असर

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने शिक्षकों के लिए संपत्ति ब्योरा जमा करने की नई नीति लागू की है। यदि शिक्षकों ने 31 जनवरी तक अपनी संपत्तियों की जानकारी मानव संपदा पोर्टल पर अपलोड नहीं की, तो उन्हें वेतन नहीं मिलेगा और प्रमोशन भी नहीं होगा। इस आदेश के तहत, बेसिक शिक्षा निदेशक ने सभी शिक्षकों को संपत्तियों का ब्योरा देने के लिए सख्त निर्देश दिए हैं। जानें इस नीति के पीछे की वजह और शिक्षकों पर इसका क्या असर पड़ेगा।
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यूपी में शिक्षकों के लिए संपत्ति ब्योरा अनिवार्य, वेतन पर पड़ेगा असर

संपत्ति ब्योरा जमा करने की नई नीति

Salary crisis for lakhs of employees in UP, new government order causes uproar


उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने अधिकारियों और कर्मचारियों की संपत्तियों की घोषणा को लेकर सख्त कदम उठाए हैं। बेसिक शिक्षा विभाग से जुड़े शिक्षकों को अपनी संपत्तियों का ब्योरा देने के लिए एक नई डेडलाइन निर्धारित की गई है। यदि शिक्षकों ने 31 जनवरी तक अपनी चल और अचल संपत्तियों की जानकारी मानव संपदा पोर्टल पर अपलोड नहीं की, तो उन्हें वेतन नहीं मिलेगा। इसके अलावा, प्रमोशन और ट्रांसफर भी नहीं हो पाएंगे। इस संबंध में बेसिक शिक्षा निदेशक ने आदेश जारी किया है।


संपत्तियों का ब्योरा देने की प्रक्रिया

हाल ही में, प्राइमरी टीचर्स और विभाग के अन्य कर्मचारियों के लिए एक आदेश जारी किया गया है। इस आदेश में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश कर्मचारी आचरण नियमावली-1956 के नियम 24 के तहत मानव संपदा पोर्टल पर संपत्तियों का ब्योरा अनिवार्य है। रिपोर्टों के अनुसार, 17 दिसंबर 2024 को विभाग ने एक सर्कुलर जारी किया था, जिसमें सभी अधिकारियों, शिक्षकों और शिक्षणेत्तर कर्मियों से संपत्तियों की जानकारी मांगी गई थी, सिवाय चतुर्थ श्रेणी के कर्मियों के।


डेडलाइन और अनुपालन की स्थिति

31 जनवरी 2025 तक संपत्तियों का ब्योरा पोर्टल पर अपलोड करना अनिवार्य है। आदेश के 27 दिन बाद भी, केवल 18 से 19 प्रतिशत विभागीय कर्मियों ने अपनी संपत्तियों की जानकारी अपलोड की है। आंकड़ों के अनुसार, 1,67,265 शिक्षकों में से 12 जनवरी तक केवल 6,466 शिक्षकों ने ही अपनी संपत्तियों की जानकारी दी है।


शासन की गंभीरता

रिपोर्टों के अनुसार, शासन संपत्तियों की घोषणा को लेकर गंभीर है। बेसिक शिक्षा निदेशक प्रताप सिंह बघेल को कड़े निर्देश दिए गए हैं कि सभी शिक्षकों को 31 जनवरी तक संपत्तियों का ब्योरा देना होगा। यदि कोई शिक्षक जानकारी अपलोड नहीं करता है, तो उसके खिलाफ प्रमोशन रोकने, ट्रांसफर और वेतन भुगतान रोकने जैसी कार्रवाई की जाएगी।