यूपी में बिना रजिस्ट्रेशन यूपीआई भुगतान लेने वाले व्यापारियों की मुश्किलें बढ़ीं

उत्तर प्रदेश में बिना जीएसटी रजिस्ट्रेशन के यूपीआई से भुगतान लेने वाले व्यापारियों के लिए नई समस्याएँ उत्पन्न हो रही हैं। जीएसटी विभाग ने ऐसे व्यापारियों की जानकारी मांगी है, जिसके बाद नोटिस जारी कर टैक्स, ब्याज और दंड की कार्रवाई की जाएगी। कानपुर, लखनऊ सहित कई शहरों के हजारों व्यापारी इस कार्रवाई के दायरे में आ सकते हैं। जानें किस प्रकार के व्यवसाय प्रभावित होंगे और क्या हैं इसके परिणाम।
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यूपी में बिना रजिस्ट्रेशन यूपीआई भुगतान लेने वाले व्यापारियों की मुश्किलें बढ़ीं

यूपी में व्यापारियों के लिए नई चुनौतियाँ


बिना रजिस्ट्रेशन के यूपीआई से भुगतान प्राप्त करने वाले व्यापारियों के लिए समस्याएँ बढ़ने वाली हैं। जीएसटी विभाग ने ऐसे व्यापारियों की जानकारी मांगी है, जिसके बाद नोटिस जारी कर टैक्स, ब्याज और दंड की कार्रवाई की जाएगी।


इसमें कानपुर, लखनऊ और अन्य शहरों के हजारों व्यापारी शामिल हैं, जिससे हड़कंप मच गया है।


जीएसटी ने यूपीआई से भुगतान लेने वाले दो श्रेणियों के व्यापारियों का डेटा मांगा है। पहली श्रेणी में वे व्यापारी हैं जिन्होंने जीएसटी रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है, लेकिन सेवा क्षेत्र से सालाना 20 लाख रुपये से अधिक कमाई की है। दूसरी श्रेणी में वे उद्यमी शामिल हैं जिन्होंने बिना जीएसटी रजिस्ट्रेशन के उत्पाद या माल की आपूर्ति की है और उनका वार्षिक भुगतान 40 लाख रुपये से अधिक है। बिना रजिस्ट्रेशन के लाखों रुपये का भुगतान प्राप्त करना विभाग के लिए बड़ी टैक्स चोरी मानी जा रही है।


कई प्रकार के व्यवसाय जैसे होटल, रेस्टोरेंट, सर्विस सेंटर, चाय-पान की दुकानें, ट्रैवेल्स, गेस्ट हाउस और ब्यूटी पॉर्लर संचालक इस समस्या का सामना कर सकते हैं। इन व्यापारियों का 20 लाख रुपये से अधिक का भुगतान प्राप्त करना उन्हें मुश्किल में डाल सकता है।


टैक्स के साथ 18 प्रतिशत ब्याज और दंड भी वसूला जाएगा।


बिना रजिस्ट्रेशन के सेवा और उत्पाद क्षेत्र में कारोबार करने वाले व्यापारियों की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। यूपीआई से भुगतान की जानकारी मिलने के बाद जीएसटी विभाग टैक्स वसूली की कार्रवाई करेगा। ऐसे व्यापारियों पर टैक्स के अलावा 18 प्रतिशत ब्याज और दंड वसूली की तैयारी है। दंड की राशि 15 से 100 प्रतिशत तक हो सकती है। कानपुर उद्योग व्यापार मंडल के महामंत्री कृपा शंकर त्रिवेदी ने कहा कि जीएसटी का यह निर्णय व्यापारियों के लिए अत्यधिक कठिनाई पैदा करेगा।


वरिष्ठ जीएसटी विशेषज्ञ धर्मेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि यूपीआई से भुगतान के लिए जीएसटी रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है। जीएसटी विभाग ने ऐसे व्यापारियों की पहचान करना शुरू कर दिया है। सेवा क्षेत्र के लिए 20 लाख और उत्पाद की आपूर्ति के लिए 40 लाख का मानक है। इससे अधिक यूपीआई भुगतान प्राप्त करने पर टैक्स, 18 प्रतिशत ब्याज और दंड देना होगा।