यूपी में तेजाब हमले के आरोपी को 30 साल की सजा, पीड़िता को मिलेगा मुआवजा

उत्तर प्रदेश में एक विधवा पर तेजाब फेंकने के मामले में आरोपी को 30 साल की सजा सुनाई गई है। पीड़िता ने साहस दिखाते हुए अदालत में गवाही दी और न्याय की मांग की। इस घटना ने समाज में एक महत्वपूर्ण संदेश दिया है कि ऐसे अपराधों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जानें इस दिल दहला देने वाली घटना की पूरी कहानी और अदालत के फैसले के पीछे की वजहें।
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यूपी में तेजाब हमले के आरोपी को 30 साल की सजा, पीड़िता को मिलेगा मुआवजा

कोर्ट ने सुनाई सजा

यूपी में तेजाब हमले के आरोपी को 30 साल की सजा, पीड़िता को मिलेगा मुआवजा


उत्तर प्रदेश से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जिसमें एक व्यक्ति ने शादी के प्रस्ताव को ठुकराने पर एक विधवा पर तेजाब फेंक दिया। इस मामले में सोमवार को अदालत ने आरोपी को 30 साल की सजा और एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। अदालत ने पीड़िता को सरकारी योजनाओं के तहत मुआवजा देने का भी आदेश दिया है। साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर अदालत ने कड़ी सजा सुनाई है, जिसमें पुलिस की भूमिका भी महत्वपूर्ण रही।


बीच सड़क पर तेजाब से हमला

खुशबू नाम की महिला के पति की जनवरी 2022 में सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी। पति की मौत के बाद, खुशबू अपने बच्चे के साथ अपने मायके में रहने लगी। एक सुबह, जब वह काम पर जा रही थी, तब अजय नामक एक व्यक्ति ने उसे रोककर शादी के लिए दबाव डालना शुरू कर दिया। खुशबू ने जब इस प्रस्ताव का विरोध किया, तो अजय ने उसे पकड़ने की कोशिश की। खुशबू ने आगे बढ़ने की कोशिश की, लेकिन अजय ने तेजाब से भरे डिब्बे से उस पर तेजाब डाल दिया और वहां से भाग गया।


पीड़िता की हिम्मत

अजय पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है, जो पीड़िता को मुआवजे के रूप में दिया जाएगा। इस मुकदमे को आगे बढ़ाने में खुशबू की हिम्मत और साहस ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उसने अदालत में बयान दिया कि अजय के परिवार वाले समझौते के लिए दबाव डालते थे और धमकी देते थे कि अगर अजय छूट गया, तो वह उसे मार डालेगा। लेकिन खुशबू ने हार नहीं मानी और पूरी हिम्मत से लड़ाई लड़ी।


दोषी को सजा

अजय, जो दो बच्चों का पिता है, को अदालत ने दोषी ठहराया। उसने खुशबू पर तेजाब फेंकने का अपराध किया। इस घटना के बाद पड़ोसियों ने पुलिस को सूचित किया। आरोप तय होने के बाद, सबूतों और गवाहों के आधार पर अदालत ने अजय को दोषी मानते हुए सजा सुनाई। अदालत ने कहा कि पीड़िता ने न केवल अपनी चोटों को सहन किया, बल्कि न्यायालय में गवाही देकर अपनी कहानी भी सुनाई। इस घटना का असर पीड़िता के जीवन पर हमेशा रहेगा, इसलिए अजय को 30 साल की कठोर सजा देना न्याय की दृष्टि से आवश्यक है।