यूपी बोर्ड 170 स्कूलों की मान्यता रद्द करने की तैयारी में

यूपी बोर्ड की कार्रवाई की तैयारी

बोर्ड ने संबंधित स्कूलों को नोटिस जारी किया है.
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उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (UPMSP) ने 170 स्कूलों की मान्यता रद्द करने की योजना बनाई है। यह निर्णय पिछले तीन वर्षों में इन स्कूलों में छात्र नामांकन की कमी के कारण लिया गया है। बोर्ड ने इन स्कूलों की एक सूची तैयार कर ली है, जो विभिन्न जिलों में फैले हुए हैं। आइए जानते हैं कि किन जिलों के स्कूलों की मान्यता रद्द की जा सकती है और इसके पीछे का कारण क्या है।
यूपी बोर्ड ने बताया है कि पिछले तीन शैक्षणिक वर्षों में शून्य नामांकन के चलते यह कदम उठाया जा रहा है। अधिकारियों ने कहा है कि खराब प्रदर्शन वाले स्कूलों की पहचान की गई है और अब शैक्षिक मानकों को बनाए रखने के लिए सख्त कार्रवाई की जाएगी। यूपी बोर्ड प्रयागराज, मेरठ, बरेली, वाराणसी और गोरखपुर में स्थित पांच क्षेत्रीय कार्यालयों के माध्यम से कार्य करता है।
वाराणसी जोन में सबसे अधिक स्कूल शामिल
वाराणसी क्षेत्रीय कार्यालय में मान्यता रद्द होने वाले स्कूलों की संख्या सबसे अधिक है। इस जोन में कुल 51 स्कूल हैं, जिनकी मान्यता रद्द की जाएगी। यह कार्यालय सुल्तानपुर, बाराबंकी, अंबेडकर नगर, अमेठी, आजमगढ़, वाराणसी, मिर्जापुर और सोनभद्र जैसे जिलों को कवर करता है। आजमगढ़ में 11, गाजीपुर में 10, अयोध्या में 7, मऊ में 5 और बलिया में 4 स्कूलों की मान्यता रद्द होने की संभावना है।
प्रयागराज जोन में कितने स्कूल प्रभावित होंगे?
प्रयागराज क्षेत्रीय कार्यालय, जो लखनऊ, रायबरेली, कानपुर नगर, कानपुर देहात, झांसी, चित्रकूट, प्रतापगढ़ और प्रयागराज जैसे जिलों का कार्यभार संभालता है, वहां 45 स्कूलों की मान्यता रद्द की जा सकती है। कानपुर नगर में 13 और लखनऊ में 12 स्कूलों को नोटिस जारी किया गया है।
इसी तरह, मेरठ कार्यालय के अंतर्गत 39 स्कूल हैं, जिनमें आगरा, मथुरा, अलीगढ़, गाजियाबाद, मेरठ और सहारनपुर शामिल हैं। एटा के 9 और आगरा व फिरोजाबाद के 5-5 स्कूलों पर भी मान्यता रद्द होने का खतरा है।
अन्य जिलों के स्कूल भी सूची में शामिल
बरेली क्षेत्रीय कार्यालय, जिसमें मुरादाबाद, बिजनौर, संभल, बरेली, शाहजहांपुर और पीलीभीत शामिल हैं, से 22 स्कूलों को चिह्नित किया गया है। इनमें से 9 स्कूल बिजनौर में हैं। गोरखपुर क्षेत्रीय कार्यालय के तहत 13 स्कूलों को सूचीबद्ध किया गया है, जिनमें से 3 गोरखपुर जिले के हैं।
स्कूलों को नोटिस जारी किया गया
प्रयागराज क्षेत्रीय कार्यालय के सचिव कमलेश कुमार ने बताया कि सभी चिह्नित स्कूलों से पिछले तीन वर्षों में नामांकन में कमी के बारे में स्पष्टीकरण मांगा गया है। सभी 170 संस्थानों को नोटिस जारी कर पिछले तीन वर्षों में छात्रों के प्रवेश न लेने का कारण पूछा गया है। यदि उत्तर संतोषजनक नहीं पाए गए, तो यूपी बोर्ड उनकी मान्यता रद्द करने की प्रक्रिया शुरू करेगा।
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